चीन वो देश है जो किसी का भला नहीं चाहता, लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है जो चीन के पैरों में गिरा रहना चाहता है। अब ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल है जिस चीन पर पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा भरोसा किया उसी चीन ने पाकिस्तान की लंका लगा दी है। दरअसल, पाकिस्तानी नौसेना इन दिनों सबसे खराब दौर से गुजर रही है और इस सबके पीछे की वजह है चीन। क्योंकि चीन ने जितने भी फ्रिगेट या पाकिस्तानी नौसेना के लिए जो भी हथियार मुहैया कराया वो सभी खराब निकल रहे हैं। और इन्हीं सब बातों को देखते हुए अब नौसेना के पसीने छूट रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या दूसरे देश के पैसो, हथियारों पर निर्भर पाकिस्तान अब खात्मे की कगार पर पहुंच गया है।
दरअसल, जिओपोलिटिका डॉट इंफो में डि वैलेरियो फैब्री ने कहा कि चीन ने पाकिस्तानी नौसेना को जो फ्रिगेट दिए हैं वो बहुत मंहगे हैं और इनका संचालन बहुत जटिल है। पाकिस्तानी नेवी ने एक वॉर ड्रिल के दौरान जब इन फ्रिगेटों से फायर किया तो वो फेल हो गए। पाकिस्तानी नौसेना में फ्रिगेट फेल होते ही खलबली मच गई। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर इंडिया इस समय हमला कर देता है तो एक बार फिर 1971 जैसे हालात पैदा हो जाएंगे और कराची पर इंडिया का कब्जा हो जाएगा।
ऐसा बताया जाता है कि जुलाई 2009 में कम से कम चार चीनी युद्धपोतों को पाक नेवी मे कमीशन किया गया था। इनकी जिम्मेदारी अरब सागर और हिंद महासागर के अशांत काल में पाकिस्तान को बचाये रखने की थी। चीन से मिले फ्रिगेट का फैल्योर बुरे सपने की तरह हो गया है। इससे पहले पाकिस्तानी वायुसेना को चीन से मिले जेएफ17 फाइटर जेट की पूरी स्क्वैडर्न को ग्राउंड कर दिया गया था। क्यों कि उसके इलेक्ट्रॉिनिक रडार सिस्टम में खराबी थी। पाकिस्तानी पायलट्स ने चीनी जेएफ-17 को उड़ाने से ही इंकार कर दिया था। अब चीन से मिले फ्रिगेट फेल होजाने से पाकिस्तानी आर्मी में बुरी तरह खलबली मची हुई है।
पाकिस्तान की समस्या…
ये फ्रिगेट समुद्र में चलने वाले जहाजों के लिए वायु रक्षा को बढ़ावा देने, शत्रुतापूर्ण सतह लड़ाकों के अवरोध, वाणिज्य छापे, गश्त, विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा, और हेलीबोर्न संचालन करने के लिए थे। फैब्री के अनुसार, इस तरह के मिशन उद्देश्यों में बहु-खतरे वाले वातावरण में काम करने वाले ये फ्रिगेट शामिल हैं और लंबी दूरी की, सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ हैं। हालांकि, पाकिस्तानी नौसेना के लिए निराशा की बात यह है कि FM90 (N) मिसाइल प्रणाली का ऑनबोर्ड इमेजिंग डिवाइस डिस्प्ले पर दोषपूर्ण संकेत के कारण दोषपूर्ण पाया गया था। प्रणाली लक्ष्य पर ताला लगाने में असमर्थ थी, जिसने एक तरह से मिसाइलों को अप्रभावी बना दिया, जिससे महत्वपूर्ण मिशन उद्देश्यों में से एक को हरा दिया।
पाकिस्तान में JF-17फाइटर में भी कई दिक्कतें आ रहीं
इससे पहले, ऐसी खबरें थीं कि पाकिस्तान नौसैनिक युद्धपोतों और यहां तक कि JF-17लड़ाकू विमानों के साथ भी मुद्दों का सामना कर रहा था, जिन्हें इस्लामाबाद ने चीन से हासिल किया था। हाइपरसोनिक रेस में चीन से पीछे, रिपोर्ट में ग्राउंडेड यूएस मिलिट्री एयरक्राफ्ट की गंभीर वास्तविकताओं का पता चलता है। पाकिस्तान ने 2005में चीन के साथ एफ-22पी या जुल्फिकार-क्लास 2,500टन मल्टी-मिशन, पारंपरिक रूप से संचालित फ्रिगेट के डिजाइन और निर्माण के लिए सितंबर 2009और अप्रैल 2013के बीच $ 750मिलियन के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, ये जहाज एक दोषपूर्ण इंफ्रा-रेड सेंसर (IR17) सिस्टम और SR 60रडार से लैस थे, जो हवा और सतह की खोज के लिए उपयोग किए जाने वाले दो आवश्यक सेंसर थे। इन खोज और ट्रैक राडार ने उच्च-शक्ति संचरण के दौरान दोषों का प्रदर्शन किया, जिससे उनकी परिचालन उपयोगिता काफी हद तक कम हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, जहाजों पर लगे IR 17सेंसर खराब थे और उन्हें त्यागना पड़ा था।