गुलाम पाकिस्तान की भारत के एस400 से हिफाजत के लिए चीन खुल कर सामने आ रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि चीन पाकिस्तान को मैक 5 की गति से हमला करने वाली अपनी डीएफ-17 हाईपर सोनिक मिसाइल देने जा रहा है। अमेरिकी रक्षा वैज्ञानिकों को कहना है कि अगर चीन ने पाकिस्तान को ये मिसाइल देदी तो पाकिस्तान की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी। डीएफ-17 के सामने एस-400 के रडार सिस्टम फेल हैं।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि किसी विवाद से बचने के लिए चीन पैंतराबाजी भी कर सकता है। मतलब यह कि वो पाकिस्तान को डीएफ-17 उत्तर कोरिया के रास्ते पहुंचवा सकता है। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय आंकलन और रणनीति केंद्र के सीनियर फेलो रिचर्ड डी फिशर ने यह दावा कर सबको चौंका दिया है। फिशर ने कहा कि चीन या तो डीएफ-17को बेच सकता है या फिर पाकिस्तानी हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोग्राम में ठीक उसी तरह से मदद कर सकता है, जैसाकि उसने उत्तर कोरिया की मदद की है। उत्तर कोरिया ने हाल ही में नई हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है।
चीन की डीएफ-17हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की 5गुना रफ्तार से हमला करती है और एस-400के रेडॉर से उसे ट्रैक करना आसान नहीं होता है। चीन और भारत दोनों ही S-400का इस्तेमाल करते हैं और ड्रैगन को इसकी खूबी और कमजोरी दोनों ही पता है। पाकिस्तान, भारत के एस-400एयर डिफेंस सिस्टम के आने से घबराया हुआ है, जो खुद उसके हवाई क्षेत्र में उड़ रहे विमानों को भी मार गिरा सकता है। एस-400के एक्टिव रहने पर पाकिस्तान अपने पूरे हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
एस-400में 40किमी से लेकर 400किमी तक मार करने वाली मिसाइलें लगी हुई हैं। ये मिसाइलें एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, बम और कुछ अन्य तरह की मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम हैं। फिशर कहते हैं, 'इस बात की पूरी आशंका है कि जिस तरह से चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में उत्तर कोरिया की मदद की है, ठीक उसी तरह से वह पाकिस्तान की इस क्षेत्र में मदद कर सकता है या फिर उसे डीएफ-17बेच सकता है। चीन के पास अब एक विकल्प है कि वह उत्तर कोरिया को पाकिस्तान को हाइपरसोनिक मिसाइल बेचने की परमीशन देदे।