कश्मीर के रहने वाले एक इंजीनियर ने एक ऐसी कार डिजाइन की है जो सोलर पॉवर से चलती है। इसके लिए ना तो पेट्रोल और ना ही डिजल की जरूरत है। ये कार पूरी तरह से सोलर पर चलती है। इस कार का डिजाइन करने वाले बिलाल अहमद हैं जो श्रीनगर में एक प्रोफेसर हैं। उनका कहना है कि, उ्नहोंने अखबारों में पढ़ा की अगले 10 वर्षों में ईंधन की लागत में वृद्धि होना तय है।
बिलाल अहमद ने कहा कि वह विकलांगों के लिए एक कार बनाना चाहते हैं, लेकिन 'वित्तीय बाधाओं' के चलते इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, यह ध्यान में रखते हुए कि वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहन भविष्य हैं इस चार-सीटर सौर-संचालित हैचबैक को डिजाइन करने का प्रयास किया।
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अहमद ने जो कार बनाया है अगर उसकी डिजाइन को देखें, तो उन्होंने अधिक से अधिक ऊर्जा रखने के लिए पैनल लगाया है। उन्होंने बोनट पर सोलर पैनल, तीन विंडो और गाड़ी के पिछले शीशे तक लगाया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, बिलाल ने कहा कि, वो विकलांगों के लिए एक कार बनाना चाहते थे लेकिन, वित्तीय बाधाओं के चलते ऐसा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि, मैंने समाचार पत्रों में भी पढ़ा कि 10 साल में पेट्रोल की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है, जिसके बाद मैंने सौर कार पर विचार किया और अंत में यह मुफ्त ऊर्जा वाली कार को डिजाइन किया।
उन्होंने कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कार चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने का विचार किया। वर्ष 2019 में, वह सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी से संपर्क करने के लिए चेन्नई गए। इसके अलावा उन्होंने क्षेत्र के कई विशेषज्ञों के साथ शोध और विचार-मंथन किया। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में, ज्यादातर समय, मौसम खराब (बादल छाए रहते हैं) रहता है। मैंने ऐसे सौर पैनलों का इस्तेमाल किया जो कम धूप के दिनों में भी उच्च दक्षता दे सकते हैं। मैं सौर पैनलों की दक्षता की जांच करने के लिए कई सौर कंपनियों के पास गया।
J&K | Bilal Ahmed, an engineer & a professor from Srinagar gives Valley its 1st solar car. "Wanted to make a car for the disabled but financial constraints made it difficult. Idea of a solar car intrigued me…it's free energy…& petrol prices expected to rise in 10 yrs,"he says pic.twitter.com/fTWtSmLmpB
— ANI (@ANI) June 23, 2022
कार पर सौर पैनलों का उपयोग कैसे किया जा सकता है और यह कम सतह क्षेत्र पर कितनी दक्षता दे सकता है, इस चुनौती को उन्होंने मोनोक्रिस्टलाइन सौर पैनलों के उपयोग से दूर किया। उन्होंने इस कार में गुलविंग दरवाजा बनाया है जो ऊपर की ओर एक फरारी की तरह खुलते हैं। ऐसा इसलिए ताकि उसपर लगे सोलर पैनल को धूप अच्छे से मिल सके। क्योंकि दरवाजे खुलते ही उसपर जुड़े सौर पैनल भी ऊपर उठेंगे और सूरज की रोशनी सीधे उन पर पड़ेगी।