आने वाले दिनों में कर्मचारियों के काम करने से लेकर, टाइम, ऑफ, सैलरी के साथ ही कई और चीजों को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। क्योंकि, केंद्र की मोदी सरकार कर्मचाई और नियोक्ता के लिए नए लेबर कोड बनाए है। जिसको लेकर माना जा रहा है कि, सरकार इसे आने वाले 1 जुलाई से लागू कर सकती है। सरकार चार लेबर कोड ला रही है, जिससे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को ही फायदा होगा। 4 लेबर कोड्स में वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं पर संहिता और सामाजिक व व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है। कहा जा रहा है कि, इन संहिताओं को लागू करने से देश के श्रम बाजार में सुधरे नियमों-अधियनिमों का नया दौर शुरू होगा।
नए लेबर कोड में सिर्फ 4 दिन करना होगा काम और तीन दिन का होगा वीकऑफ
नए लेबर कोड के जरिए मोदी सरकार कर्मचारियों की सैलरी, सोशल सिक्योरिटी जैसे पेंशन और ग्रेच्युटी, लेबर वेलफेयर, स्वास्थ्य, सुरक्षा और वर्किंग कंडीशन में रिफॉर्म करने वाली है। यानी नए लेबर कोड के बाद कर्मचारियों के वर्किंग आवर यानी काम करने के घंटों और छुट्टियों में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसमें अधिकतम 12 घंटे काम करने का प्रस्ताव है। सप्ताह में इसकी सीमा 48 घंटे रखा गया है। इसके अनुसार 4 दिन काम करके 3 दिन वीकऑफ मिलेगा। रोज 12 घंटे काम करने पर ऐसा होगा। इसके साथ ही ओवरटाइम के घंटों को भी एक तिमाही में 50 घंटे से बढ़ाकर 125 घंटे कर दिया गया है। इससे वीकेंड पर कर्मचारी ओवरटाइम कर के अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं।
छुट्टियों को लेकर बदलाव
नए लेबर कोड में मंत्रालय ने छुट्टियों को लेकर भी बड़ा बदलाव किया है। अब तक कर्मचारी को छुट्टियों के लिए योग्य होने के लिए कम से कम 240 दिन काम करना होता था। लेकिन अब कोई भी कर्मचारी सिर्फ 180 दिनों में ही छुट्टी लेने के लिए योग्य हो जाएगा। छुट्टियों की संख्या पहले जैसा ही रखा है। हर 20 दिन काम करने पर 1 दिन की छुट्टी मिलेगी। साथ की कैरी फॉरवर्ड होने वाली छुट्टियों की संख्या को भी न बदलते हुए उनकी संख्या 30 रखी गई है। से सभी सेक्टर पर लागू होंगे।
इसके साथ ही नए लेबर कोड के तहत अब हर साल के अंत में छुट्टियों के एनकैश करना जरूरी कर दिया गया है। साल के अंत में 45 दिन की छुट्टी बची है तो उसमें से 30 छुट्टियां तो अगले साथ कैरी फॉर्वर्ड हो जाएंगी, लेकिन बची हुई 15 छुट्टियां कैश की जाएंगी। अभी तक नियमों के मुताबिक छुट्टियां सिर्फ साल के अंत में ही कैश की जाती हैं, लेकिन नए लेबर कोड आने के बाद यह व्यवस्था बदल जाएगी।
बढ़ जाएगा पीएफ
इसके साथ ही कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम को भी सरकार ने लेबर कोड बनाते वक्त ध्यान में रखा है। इसे लेकर अभी तक पूरी तरह कुछ साफ नहीं है। नए नियमों के अनुसार किसी भी कर्मचारी के वेतन में मूल सैलरी यानी बेसिक सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी तक हो जाएगा और बाकी का 50 फीसदी तमाम तरह के अलाउंस होंगे। वर्तमान में कंपनियां 25-30 फीसदी ही बेसिक सैलरी का हिस्सा रखती हैं। ऐसे में तमाम तरह के अलाउंस 70-75 फीसदी तक होते हैं। इन अलाउंस की वजह से कर्मचारियों के खाते में अधिक सैलरी आती है, क्योंकि तमाम तरह के डिडक्शन मूल वेतन पर होते हैं और वह काफी कम रहता है। ऐसे में नया वेज कोड लागू होने के बाद के बाद आपकी इनहैंड सैलरी में 7-10 फीसदी की कमी हो सकती है। हालांकि, नए वेज कोड लागू होने के बाद पीएफ में योगदान दोगुना हो जाएगा।