हिमालय की दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बना हुआ है भोलेनाथ का अमरनाथ धाम। भारतीय संस्कृति की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तीर्थ यात्राओं में बाबा अमरनाथ की यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। कहा जाता है, जो भी भक्त यहां सच्चे मन से गुफा में बने शिवलिंग का दर्शन करते हैं उसको जन्म- मरण के बंधन से पूरी तरह मुक्ति मिल जाती है। मालूम हो, भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमृत्व का रहस्य बताया था इसलिए इस गुफा को अमरनाथ गुफा कहा जाता है। इसके अलावा बर्फ से शिवलिंग बनने के कारण भी इसे बाबा बर्फानी कहते हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा 30जून से शुरू हो गई हैं जो 43दिनों के बाद यानी रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी। तो आइये जानते हैं अमरनाथ धाम का इतिहास और इनके कुछ बेहद चौंका देने वाले रहस्यों के बारे में….
अमरनाथ धाम से जुड़ी कुछ खास बातें यहां जानें…
-यह दुनिया का एक अकेला ऐसा शिवलिंग है जो चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता और घटता है। हर साल यहां श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शिवलिंग पूरा होता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी घट जाता है।
-हर साल इस गुफा में बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है। बर्फ का शिवलिंग, गुफा की छत में एक दरार से पानी की बूंदों के टपकने से बनता है। बेहद ठंड की वजह से पानी जम जाता है और बर्फ के शिवलिंग का आकार ले लेता है।
-बर्फ के शिवलिंग के बाईं ओर दो छोटे बर्फ के शिवलिंग भी बनते हैं। कहा जाता है कि ये मां पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक हैं।
-अमरनाथ में भगवान शिव के अद्भुत हिमलिंग दर्शन के साथ ही माता सती का शक्तिपीठ होना एक दुर्लभ संयोग है। 51शक्तिपीठों में से महामाया शक्तिपीठ इसी गुफा में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती का कंठ गिरा था।
-मान्यता है कि शिव-पार्वती की अमरकथा सुनकर अमर हुआ कबूतर का जोड़ा अब भी यहां कई बार देखने को मिलता है।