दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से कम से कम 16लोगों की मौत हो गई। 30 से 40 यात्री अभी तक लापता है। श्राइन बोर्ड ने कहा है कि सेना, इंडियन आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की कई टीम रेस्कयू ऑप्रेशन में जुटी हुई हैं। इंडियन आर्मी के चौपर्स भी रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। शुक्रवार की शाम अचानक बादल फटने से 25 टेंट तथा तीन लंगरखाने चपेट में आ गए।
ऐसा बताया जाता है कि हर टेंट में कम से कम एक और अधिकतम तीन तीर्थ यात्री थे। तीनों लंगरखानों में 30 से 40 श्रद्धालू रहे होंगे। सभी श्रद्धालुओं की गणना श्रीअमरनाथ तीर्थ यात्रा बोर्ड कर रहा है। आज शाम तक इस प्राकृतिक आपदा में हुई जन-धन की हानि की सही जानकारी मिल जाएगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा को अस्थाई तौर पर रोक दिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आईटीबीपी के प्रवक्ता पीआरओ विवेक कुमार पांडे ने कहा, "स्थिति नियंत्रण में है, बारिश अभी भी जारी है। खतरे के स्तर को देखते हुए, अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है क्योंकि क्षेत्र जलमग्न हो गया है। यदि मौसम सामान्य रहता है और अस्थायी व्यवस्था की जाती है, तो यात्रा फिर से शुरू की जा सकती है।"