चीन के जाल में फंसे श्रीलंका में इस वक्त भारी आर्थिक तबाही देखने को मिल रही है। जनता एक बार फिर से दैनिक जरूरतों को लेकर सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन कर रही है। यहां तक कि राष्ट्रपति भवन तक पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है जिसके चलते अपने महल को छोड़कर गोटाबाया राजपक्षे पर भागना पड़ा। श्रीलंका में जो इनती बड़ी तबाही मची हुई है इसके पीछ सिर्फ और सिर्फ चीन का हाथ है। चीन से ऋण लेने के बाद से लगातार श्रीलंका कर्ज के दबाव में डूबता गया। ये वही चीन है जो मुल्क में आर्थिक तूफान आते ही श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया। श्रीलंका में प्रदर्शन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि, राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री ने को भी इस्तीफा देना पड़ा। यहां के नेता मुल्क छोड़कर भाग रहे हैं। कुछ ऐसा ही हुआ जब राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने के ऐलान के बाद अब उनके परिवार के सदस्य देश छोड़ने की फिराक में हैं। और उनके भाई एयरपोर्ट पहुंचे तो यहां पर कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें वापस लौटना पड़ा।
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, गोटाबाया राजपक्षे के भाई बासिल राजपक्षे कटूनायके एयरपोर्ट पर स्थित सिल्क रूट डिपार्चर टर्मिनल से देश छोड़कर भागने की फिराक में थे। इस बीच आव्रजन अधिकारियों ने काम करने से इंकार कर दिया जिससे वह भाग नहीं पाए। बासिल राजपक्षे गोटाबाया सरकार में मंत्री रह चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस शासनकाल के दौरान राजपक्षे परिवार के सदस्यों ने जमकर कमाई की। श्रीलंका की मीडिया ने कहा कि जब बासिल देश छोड़कर भागने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे तब अधिकारियों ने काम करने से इंकार कर दिया। इसके बाद बासिल राजपक्षे को वहां से वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आलम यह रहा कि वहां मौजूद अन्य यात्रियों ने बासिल राजपक्षे का इतना ज्यादा विरोध किया कि एयरपोर्ट के अधिकारियों ने चेक इन करने से इंकार कर दिया।
कहा जा रहा है कि, एयरपोर्ट के कर्मचारी यूनियन ने काम करने रोक लगा दी है ताकि देश के बड़े नेता श्रीलंका छोड़कर भाग नहीं सकें। इससे पहले श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दना ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अभी देश में ही हैं। महिंदा यापा ने राष्ट्रपति के संभवत: श्रीलंका छोड़कर चले जाने की खबरों का खंडन किया। राजपक्षे (73) ने अभी औपचारिक रूप से इस्तीफा नहीं दिया है और वह कहां हैं, इसका पता नहीं चल पाया है। हालांकि, राष्ट्रपति सचिवालय राजपक्षे के आधिकारिक आवास छोड़कर चले के बाद भी उनकी तरफ से बयान जारी कर रहा है। अभयवर्दना ने कहा कि गोटाबाया देश छोड़कर नहीं गये हैं, जैसा कि मीडिया में अटकलें लगायी जा रही हैं। उनके कार्यालय ने कहा, ऐसी अटकलें तब लगायी गयीं, जब संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दना ने गलती से कह दिया था कि वह (राजपक्षे) देश से चले गये हैं, लेकिन अपना इस्तीफा देने के लिए वह बुधवार को लौट आयेंगे। अभयवर्दना ने बाद में अपनी गलती सुधारी।