कई कट्टरपंथी इस्लामिक ठेकेदारों के चक्कर में आज भी मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी किसी नर्क से कम नहीं है। आज भी मुस्लिम समाज में महिलाओं की शादी छोटे उम्र में ही करा दी जाती है। हिजाब पहनना अनिवार्य है। हिजाब का मामला जब भारत में गरमाया था तो देश के साथ ही कई इस्लामिक देशों में भी जमकर इसपर बयानबाजी की गई। लेकिन, अब तो एक कट्टरपंथी इस्लामिक देश में ही महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। महिलाएं हिजाब से आजादी के लिए सड़कों पर उतर आई हैं।
दरअसल, यह कोई और नहीं बल्कि, इस्लामिक देश ईरान है जहां पर महिलाओं ने हिजाब का विरोध करना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह कि, यह विरोध ऐसे दिन शुरू हुआ है जिस दिन सरकारी की ओर से मुल्क में हिजाब और शुद्धता दिवस मनाया जा रहा था। सड़कों पर उतरी महिलाओं ने सख्त नियमों का कड़ा विरोध किया और अपने हिजाब उतारकर फेंक दिए। उन्होंने नकाब हटाकर सार्वजनिक तौर पर वीडियो बनाए और इन्हें पोस्ट कर इस्लामिक रिपब्लिक में हिजाब पाबंदी की विरोध किया।
बता दें कि, 12जुलाई को सरकारी विशेष दिवस पर महिलाओं की ओर से उठाए गए इस कदम को देखकर सरकार पहले से ही तैयार थी। उसने 11जुलाई को ही कई मुखर महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया था। उधर, सालों से सख्त नियमों का विरोध कर रही महिलाओं ने इस अवसर को हिजाब की खिलाफत के लिए इस्तेमाल किया। तय वक्त पर महिलाएं सड़कों पर निकलीं और अपने हिजाब व शॉल उतारकर फेंक दिए। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का उपयोग किया तो दुकानों में खरीदारी भी की। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने नकाब हटाकर वीडियो भी बनाए। कई स्थानों पर तो पुरुषों ने भी उनका जमकर साथ दिया।
ईरान की सरकार ने महिलाओं पर हिजाब पाबंदी लागू कराने का जिम्मा सेना को सौंप रखा है। सड़कों पर महिलाओं के विरोध की सूचना मिलते ही सरकार ने टेलीविजन पर शुद्धता दिवस का वीडियो प्रसारित किया। जिसमें हिजाब और लंबे सफेद कपड़े पहने 13 महिलाओं को नृत्य करते दिखाया गया। बताते चले कि, ईरान के कानून के मुताबिक, नौ साल से ज्यादा की सभी महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर अपने बाल ढकना अनिवार्य है।