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कर्नाटक हिजाब मामला फिर लटका! SC ने तुरंत सुनवाई से किया इनकार, होली बाद करेंगे सुनवाई

Karnataka Hijab Case: जहां एक तरफ पूरी दुनिया में महिलाएं हर एक क्षेत्र में पुरुषों संग कंधे से कंधा मिल रही हैं। महिलाएं साइंटिस्ट से लेकर, पायलट, डॉक्टर, इंजिनियर संग हर एक क्षेत्र में अपना अहम योगदान दे रही हैं। लेकिन, इस्लामिक स्टेट महिलाओं पर भी अत्याचार करता रहा है। इस्लामिक स्टेट की क्रूरता के बारे में पूरी दुनिया जानती है। वह ग्रुप जो धर्म के नाम पर लोगों का सिर काट देता है। इस्लामिक स्टेट महिलाओं पर भी अत्याचार करता रहा है। ऐसा ही कुछ बीते साल हुआ जब हिजाब विवाद में देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक तहलका मचाया हुआ था। जहां पहले देश के अंदर कुछके लोगों ने हिजाब को लेकर पूरे देश में बवाल मचाया तो उसके बाद ये मामला सीधा ईरान तक जा पहुंचा। तभी से जगह-जगह पर हिजाब को लेकर चिंगारी सुलग रही थी। तो आइये आपको बताते हैं आखिर क्या हैं पूरा मामला।

दरअसल, मामला कर्नाटक के स्कूल-कॉलेज में ड्रेस कोड के पालन से जुड़ा है। 15 मार्च को दिए गए फैसले में हाई कोर्ट ने ड्रेस कोड के प्लान के आदेश को सही ठहराया था। ऐसे में अब जब मार्च में सुनवाई के लिए कहा गया तो कर्नाटक हिजाब मामले को तत्काल के लिए रोक दिया गया है। इस दौरान एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश डी ने फैसला सुनाया है कि हिजाब अनुमति नहीं होने की वजह से कई लड़कियों को जल्द ही शुरू होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं किया जायेगा। जिसका जवाब देते हुए सीजेआई ने कहा कि होली कि छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे।

हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह एक बेंच का गठन करेगा और कर्नाटक में 5 दिनों के बाद होने वाली परीक्षा में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई करेगा। कोर्ट का कहना है कि वह मामले को होली के बाद सूचीबद्ध करेगी। प्रारंभ में, CJI ने कहा कि मामला होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। वकील ने कहा, “परीक्षा पांच दिनों के बाद आयोजित होने वाली है, मुस्लिम लड़कियां एक साल पीछे चल रही हैं, ऐसे में एक और साल चूक जाएंगी। पीठ ने तारीख तय किए बिना कहा कि वह पीठ बनाएगी।

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मामले को अंतिम बार छात्रों की ओर से वकील शादान फरासत द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया था। अदालत ने कहा था कि वह हिजाब पहनकर कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने खारिज की याचिका

कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के मुद्दे पर शीर्ष अदालत के खंडित फैसले के बाद, लड़कियों को हिजाब में परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जो 9 मार्च से शुरू होने वाली है। 15 मार्च, 2022 को, उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज के मुस्लिम छात्रों के एक वर्ग द्वारा कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि हिजाब इस्लामिक विश्वास का अहम हिस्सा नहीं है।