भारत वो देश है जो मुसीबत आने पर अपने दोस्तों को हाथ मजबूती से पकड़ा रहता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला श्रीलंका में। दरअसल, श्रीलंका इस वक्थ भारी आर्थिक तबाही से गुजर रहा है। ऐसे में भारत लगातार श्रीलंका की मदद कर रहा है। यहां पर इंधन, दवाएं, खाद्य के साथ ही जरूरी सामनों को भेजकर मदद किया जा रहा है। श्रीलंका का ये हाल करने वाला कोई और नहीं बल्कि चीन है। चीन के कर्ज जाल में फंस कर श्रीलंका ने अपने पूरी अर्थव्यवस्था चौपट कर ली। यही चीन जब देखा कि भारत लगातार मदद कर रहा है तो उसकी आंखों में ये बात चुभने लगी और अपनी घटिया हरकतों पर उतर आया। चीन अपनी जासूसी जहाज श्रीलंका में लेकर पहुंचा है। इस बीच भारत ने श्रीलंकाई नौसेना को एक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान सौंपा जो द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाएगा। इस अवसर पर भारतीय राजदूत ने कहा कि, भारत और श्रीलंका की सुरक्षा आपसी समझ, परस्पर विश्वास और सहयोग से बढ़ी है।
समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी मौजूद थे। उन्होंने अपने देश को डोर्नियर विमान उपहार में दिए जाने पर भारत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे समुद्री निगरानी में भारतीय नौसेना के साथ श्रीलंकाई वायुसेना और नौसेना के बीच सहयोग शुरू करने में मदद मिलेगी। समारोह ऐसे समय में हुआ जब भारत अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और एक दिन बाद उच्च प्रौद्योगिकी वाला चीनी मिसाइल और उपग्रह निगरानी पोत श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पर डेरा डालेगा। भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले के साथ कोलंबो अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन के पास कातुनायके में श्रीलंका की वायु सेना के एक केंद्र पर श्रीलंकाई नौसेना को समुद्री निगरानी विमान सौंपा। एडमिरल घोरमडे श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। उच्चायुक्त बागले ने समारोह में कहा, भारत और श्रीलंका की सुरक्षा आपसी समझ, परस्पर विश्वास और सहयोग से बढ़ी है। डोर्नियर 228 को प्रदान करना इस दिशा में भारत का सबसे नया योगदान है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारत के साथ सहयोग के अन्य क्षेत्रों के परिणामों की तरह श्रीलंका की वायु सेना को डोर्नियर प्रदान करना प्रासंगिक है और समुद्री सुरक्षा की उसकी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह भारत की उसके मित्रों की शक्ति बढ़ाने की क्षमता का उदाहरण है। वहीं, भारत ने श्रीलंका के सामरिक रूप से अहम हम्बनटोटा बंदरगाह पर चीन के अत्याधुनिक अनुसंधान पोत को नहीं आने देने के लिए दबाव डालने के बीजिंग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि, श्रीलंका एक सम्प्रभु देश है और वह अपने फैसले स्वतंत्र रूप से करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने एक बयान में भारत के बारे में आपेक्ष को खारिज करते हुए कहा कि, श्रीलंका एक सम्प्रभु देश है और वह स्वतंत्र रूप से अपने फैसले करता है।