रूस को यूक्रेन (Ukraine) पर हमला बोले 6 महीने से ऊपर हो गया है। इतने दिनों में रूसी फौजों ने यूक्रेन (Ukraine) के कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही भारी बमबारी के चलते कई शहरों में तबाही मची हुई है। ये जंग रूक सकती थी लेकिन, जेलेंस्की को हिरो बनने का शौक था। वो अपनी एक्टर वाली भूमिक जंग के मैदान में भी निभाते नजर आए। कभी जली हुई टैंकों के सामने फोटोशूट कराते नजर आए तो कभी संयुक्त राष्ट्र में पुतिन को आतंकी कहते हुए दुनिया की हमदर्दी बटोरने में लगे रहे। जबकि, जेलेंस्की का काम ये था कि रूस के साथ बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाया जाए और अपनी जनता को इस भारी तबाही से बचाया जाए। लेकिन, वो पश्चिमी देशों के बहकावे में आकर अपनी जनता को मौत के कुएं में ढकेल दिए। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अब जो फैसला उठाया है उससे यूक्रेन (Ukraine) के लोगों को बड़ी राहत मिली है।
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इस जंग में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जो दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके मुताबिक अब यूक्रेन के लोग और रूस की ओर से स्वायत्त क्षेत्र घोषित किए गए यूक्रेनी इलाके के लोग रूस में अब बिना किसी समयसीमा के रह सकेंगे। इसके साथ ही वे बिना किसी बाधा के वहां नौकरी भी कर सकेंगे। इसके लिए पुतिन ने एक आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं।
अब तक जारी व्यवस्था के अनुसार यूक्रेन के लोग रूस में अधिकतम 90 दिनों से लेकर 180 दिनों तक ठहर सकते थे। लंबे समय तक रुकने और काम करने के लिए उन्हें विशेष तौर पर अनुमति के साथ वर्क परमिट की आवश्यकता पड़ती थी। नई व्यवस्था के तहत यूक्रेन के लोग और स्वायत्य घोषित क्षेत्र के लोग बिना किसी तय समय के बिना वर्क परमिट के जब तक चाहें तब तक रह सकते हैं। इसके लिए अस्थाई आदेश प्रकाशित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि, अब नई व्यवस्था के तहत रूस में रहने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले अपना फिंगरप्रिंट देना होगा और फोटोग्राफ भी देनी होगी। इसके साथ ही उन्हें ड्रग्स और संक्रामक बीमारी को लेकर एक टेस्ट भी कराना होगा। ताकि रूस में रहने से पहले उनमें कोई बीमारी ना हो, इस बात की पुष्टि हो सके।
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नए आदेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि यूक्रेन के लोगों को वापस उनके देश नहीं भेजा जाएगा। सिर्फ उन ही लोगों को वापस भेजा जाएगा, जो या तो जेल से छूटे हैं या फिर जो रूस के लिए खतरा बन सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, पुतिन ने यह भी आदेश दिया है कि, खतरे का सामना कर रहे यूक्रेन छोड़ चुके लोगों, पेंशनर्स, दिव्यांगों और गर्भवतियों को सामाजिक तौर पर पेमेंट की जाए। बता दें कि, रूस के अनुसार अब तक 36 लाख से यूक्रेनी नागरिक फरवरी में जारी हुई जंग के बाद से रूस में आ चुके हैं। इनमें 5,87,000 बच्चे भी शामिल हैं।