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Sri Lanka-Pakistan संग दुनिया के 90 से भी ज्यादा देश चीनी जाल में फंसे

China BRI Debt Trap

China BRI Debt Trap: चीन वो नाम है जिसने दुनिया के नाक में दम कर रखा है। खासकर छोटे और गरीब देश चीन से ज्यादा परेशान हैं। चीन ने जब 2013 में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट (BRI) की शुरुआत की थी तभी दुनिया के विशेषज्ञों ने आगाह किया था कि, यह ‘कर्ज का जाल’ (China BRI Debt Trap) का जाल है, जो भी इसमें फंसा वो बर्बाद हो जाएगा और हुआ भी वही। श्रीलंका में जब आर्थिक तबाही आई तब चीन की पूरी तरह से पोल खुल गई। श्रीलंका को बर्बाद करने वाला चीन ही है। उसके बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश भी चीन के चक्कर में फंस कर बर्बादी की गवाही हैं। चीन की शुरू से ही मंसा रही है कि छोटे देशों को कर्ज देकर उन्हें फंसा लिया जाए और इनके जरूरी जगहों पर कब्जा जमा ले और चीन यही कर भी रहा है। अब फोर्ब्स की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि, चीन के कर्ज जाल (China BRI Debt Trap) में पाकिस्तान, श्रीलंका सहित 97 देश बुरी तरह फंस चुके हैं। इन सारे देशों पर चीन द्वारा दिए गए कर्ज का भारी बोच है।

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BRI कर्ज का जाल
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट (BRI) के तहत प्रशांत क्षेत्र में स्थित पापुआ न्यू गिनी से लेकर अफ्रीकी देश केन्या, और श्रीलंका से लेकर पश्चिम अफ्रीका तक में रोड, रेल और अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण किया गया है। इन छोटे देशों को चीन ने पहले विकास का झांसा दिया उसके बाद धीरे-धीरे कर इन्हें अपने कर्ज में ऐसा फंसाता गया कि, ये अब गले तक डूब चुके हैं। BRI के तहत छोटे देशों को कर्ज देकर उनकी अर्थव्यवस्था को गिराना और वहां के बंदरगाहों और एयरपोर्टों पर चीन का कब्जा करने का इरादा था और हो भी यही रहा है। श्रीलंका में आर्थिक भूचाल आते ही वहां के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन ने कब्जा कर लिया, उधर पाकिस्तान के ग्वादर का भी यही हाल होने वाला है।

चीन ने लूट लिया इन 97 देशों को
नई रिपोर्ट के मुताबिक, गरीब और छोटे देशों को मदद के नाम पर कर्ज देकर चीन वर्षों से अपने जाल में फंसा रहा है। चीन के इस जाल में दुनिया के 97 देशों में भारत के भी पड़ोसी देश हैं- श्रीलंका, पाकिस्तान और मालदीव सबसे बड़े कर्जदारों में हैं। चीन ने इनपर इतना कर्ज लाद दिया है कि, ये वर्षों तक चूका नहीं पाएंगे। फोर्ब्स की नई रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर चीन का 61 खरब रुपये से अधिक का विदेशी कर्ज है। मालदीव का कर्ज उसकी सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) का 31 फीसदी है। द आइलैंड ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव का कुल कर्ज 2020 के अंत तक 44,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से 42,500 करोड़ रुपये विदेशी कर्ज है। फोर्ब्स ने 2020 तक विश्व बैंक की रिपोर्ट से यह आंकड़ा एकत्र किया है। इसके अनुसार 97 देश चीनी कर्ज में हैं। इसमें से भारी कर्ज वाले देश ज्यादातर अफ्रीका महाद्वीप में स्थित हैं। वहीं, कुछ देश मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत महासागर में भी मौजूद हैं।

कम आय वाले देशों पर ड्रैगन की नजर
रिपर्ट की माने तो, चीन ज्यादातर देशों में वन बेल्ट एंड रोड (OBR) योजना के तहत पहुंचा रहा है। दुनिया के कम आय वाले देशों ने 2022 में चीन को अपने कर्ज का 37 फीसदी कर्ज दिया है, जबकि बाकी दुनिया के लिए सिर्फ 24 फीसदी द्विपक्षीय कर्ज है। द आइलैंड ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के लिए दुनिया में बंदरगाह, रेल और भूमि के बुनियादी ढांचे के निर्माण के वित्तपोषण के लिए चीनी वैश्विक परियोजना उसके कर्ज का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, मई 2022 में श्रीलंका अपने कर्ज के तले डूबने वाला दो दशकों में पहले देश था, चीनी कर्ज 2020 के अंत में कुल मिलाकर पांचवां सबसे अधिक था, जो उसके देश के जीएनआई का 9 प्रतिशत था।

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इन देशों पर सबसे ज्यादा कर्ज
– चीन का सबसे अधिक विदेशी कर्ज पाकिस्तान में 77.3 अरब डॉलर (61 खरब, 42 अरब रुपये)
– अंगोला में 36.3 अरब डॉलर (28 खरब, 85 अरब रुपये)
– इथियोपिया में 7.9 अरब डॉलर (6 खरब, 27 अरब रुपये)
– केन्या में 7.4 अरब डॉलर (5 खरब, 88 अरब रुपये)
– श्रीलंका में 6.8 अरब डॉलर (5 खरब, 40 अरब रुपये) पर है।
– मालदीव वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मालदीव का कर्ज 2022 की पहली तिमाही के अंत तक बढ़कर 99 बिलियन एमवीआर हो गया।
– यह सकल घरेलू उत्पाद का 113 फीसदी था।