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BRI Failed: अपने बुने जाल में फंसा चीन,फायदा लेने की फिराक में America

China BRI facing Challenges

चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट फेल (BRI Failed) हो गया है। चीन जब इसके तहत दुनिया के छोटे देशों को कर्ज देना शुरू किया तो उसे ये नहीं पता था कि एक दिन वो अपने इसी जाल में ऐसा फंस जाएगा कि निकलना मुश्किल हो जाएगा। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट (BRI Failed) के तहत छोटे देशों को कर्ज देकर उनकी अर्थव्यवस्था को गिराना और वहां के बंदरगाहों और एयरपोर्टों पर चीन का कब्जा करने का इरादा था और हो भी यही रहा है। श्रीलंका में आर्थिक भूचाल आते ही वहां के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन ने कब्जा कर लिया, उधर पाकिस्तान के ग्वादर का भी यही हाल होने वाला है। खैर इन सब के बीच एक बड़ी खबर यह है कि चीन के लिए बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट (BRI Failed) सिरदर्द बन गया है। ऐसे में अब अमेरिका इस मौके का फायदा उठाने के फिराक में है।

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दरअसल, इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने इन गर्मियों में दुनिया के कई क्षेत्रों की यात्रा की है। मिडिल ईस्ट से लेकर पूर्वी एशिया तक, अमेरिकियों की ये यात्राएं गरीब देशों के लिए सैकड़ों अरबों डॉलर की प्रतिबद्धता का प्रतीक थीं। लगभग एक दशक से चीन ने अपने बेल्ड एंड रोड प्रोजेक्ट के जरिए अरबों डालर खर्ज किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत चीन पापुआ न्यू गिनी से केन्या तक हाईवे, श्रीलंका से पश्चिम अफ्रिका तक बंदरगाह और लैटिन अमेरिका से दक्षिण पूर्व एशिया तक बिजली और टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछा रहा है। चीन के BRI से मुकाबला करने के लिए अब अमेरिका भी ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट में अपनी भूमिका को बढ़ाना चाहता है। जून में बाइडन और जी-7 के नेताओं ने देशों के बीच इन्फ्रास्ट्रक्टर की खाई को पाटने के लिए एक गेम चेंजिंग प्रोजक्ट में 600 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। इसमें 200 बिलियन डॉलर का निवेश अकेले अमेरिका कर रहा है। इम महीने अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी आर शर्मन ने दक्षिण प्रशांत क्षेत्र का दौरा किया और द्वीपीय देशों के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए एक नई साझेदारी को बढ़ावा दिया।

अमेरिका ऐसे समय में आगे आया है जब चीन अपने ही जाल में फंसता नजर आ रहा है। BRI चीन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। अमेरिका चीन को हराने के लिए दुनिया के अलग-अलग कोनों में पैसा झोंकने के लिए तैयार है और चीन की महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट खुद कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। फंड की कमी और राजनीतिक उठा-पटक के चलते कई प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं। ऐसे में अमेरिका ने मौका पर चौका मारते हुए हाल ही में एक नई पहल की शुरुआत की है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफ्रीका के लिए एक प्लान की घोषणा की है जिसे ‘सब-सहारा अफ्रीका स्ट्रेटेजी’ नाम दिया गया है।

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चीन के BRI को लेकर आरोप रहे हैं कि बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट एक ‘कर्ज का जाल’ है जिसे लोकल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कब्जा करने के लिए बनाया गया है। इसे चलते कई देश कर्ज में डूब चुके हैं उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। इन आरोपों के चलते BRI की छवि को गहरा नुकसान हुआ है। ऐसे में अब दुनिया भर के देश चीन के साथ जुड़ने से कतरा रहे है। अब अमेरिका के लिए यही सबसे सही समय है। क्योंकि, चीन का प्रोजेक्ट कमजोर पड़ रहा है ऐशे में अमेरिका आगे आकर इच्छुक साझेदारों के साथ दुनियाभर में निर्माण का जाल बिछा सकता है।