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क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान बने सऊदी के PM, कट्टरपंथियों में खलबली

Saudi New PM Mohammed bin Salman

हमेशा अपने कामों एवं उदारवारी नीतियों से चर्चा बटोरने वाले सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान एक बार फिर से सुर्खियां में बने हुए हैं, इस बार वह किसी और वजह से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नियुक्त जाने पर चर्चा में हैं। सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज अल सऊद ने मंगलवार को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने के लिए एक शाही फरमान जारी किया।

कुछ दिनों पहले ही क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति जो बाइडन को अपनी ताकत के आगे झुकने के लिए मजबूर कर दिया था। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सत्ता में आने के बाद आर्थिक,सामाजिक और धार्मिक सुधार कर एक रूढ़िवादी तेल महाशक्ति को पलटकर रख दिया है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अरब की आधिकारिक यात्रा करनी पड़ी थी, जिसे प्रिंस सलमान (Salman of Saudi Arabia) की जीत बताया गया था। सऊदी अरब के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान चार साल पहले पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर अंतरराष्ट्रीय आक्रोश से बेपरवाह होकर उभरे। खशोगी की हत्या को लेकर प्रिंस सलमान से नाराज थे बाइडेन जो बाइडेन ने भी सऊदी अरब के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर खशोगी की हत्या का आदेश देने का आरोप लगाया था।

मोहम्मद बिन सलमान मात्र केवल 36 वर्ष के हैं। उनके बुजुर्ग पिता किंग सलमान ने  मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed bin Salman) को सऊदी अरब  की सत्ता सौंपने बद बात सामने आई थी। माना जा रहा है किंग सलमान का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण देश की कमान अघोषित रूप से प्रिंस सलमान के हाथों में ही रहती है। उन्होंने न सिर्फ अपने देश, बल्कि विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने एक सशक्त विदेश नीति को अपनाया, जिसने सऊदी के वर्चस्व को कई गुना बढ़ा दिया।

शाही परिवार की बगावत को दबाया

2015 में मोहम्मद बिन सलमान के सऊदी अरब का क्राउन प्रिंस बनते ही शाही परिवार में बगावत शुरू हो गई थी। लेकिन प्रिंस सलमान ने इस बगावत को सफलता पूर्वक दबाया और इसकी शुरुआत करने वाले अपने प्रतिद्वंदियों को हाशिए पर डाल दिया। उन्होंने 2017 में तख्तापलट की कोशिश करने वाले अपने एक चचेरे भाई को भी सबक सिखाया था। उन्होंने चंद दिनों में सऊदी सेना और खुफिया एजेंसियों पर भी अपना कब्जा जमा लिया। इसके बाद उन्होंने कई शाही और अन्य प्रमुख सउदी लोगों को गिरफ्तार किया। उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में रियाद के रिट्ज-कार्लटन होटल में महीनों तक कैद रखा गया।

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दूसरे बेटे प्रिंस खालिद होंगे रक्षा मंत्री

शाही फरमान के अनुसार, सुल्तान के दूसरे बेटे प्रिंस खालिद बिन सलमान को नया रक्षा मंत्री बनाया गया है। नए कैबिनेट फेरबदल में यूसुफ बिन अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल-बनयान को नया शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है। आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा प्रकाशित सुल्तान सलमान की ओर से जारी एक शाही फरमान के अनुसार, आंतरिक, विदेश और ऊर्जा सहित अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

नए आदेश के तहत जिन मंत्रियों के पद में कोई फेरबदल नहीं किया गया है उनमें ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान, आंतरिक मामलों के मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सऊद बिन नायेफ बिन अब्दुलअजीज, विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद, निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह और वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदानंद के नाम शामिल हैं।

सऊदी सुल्तान के सेहत पर उठते रहे हैं सवाल

प्रिंस मोहम्मद, जो पिछले महीने 37 साल के हो गए, 2017 से अपने पिता के बाद सुल्तान बनने की कतार में हैं। वह 2015 में देश के रक्षा मंत्री बने। सऊदी अरब ने लंबे समय से 86 वर्षीय सुल्तान सलमान के स्वास्थ्य पर अटकलों पर विराम लगाने की मांग की है, जो 2015 से दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश पर शासन कर रहे हैं। 2017 में, सऊदी अरब ने ऐसी रिपोर्टों और बढ़ती अटकलों को खारिज कर दिया था कि सुल्तान अपने प्रिंस मोहम्मद के लिए अपनी गद्दी छोड़ने की योजना बना रहे हैं।