भारत के साथ दोस्ती का दावा करने वाले सऊदी अरब (Saudi Arab) ने एक बार फिर से पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाया है। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पूरे इलाके की सुरक्षा और स्थिरता के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। सऊदी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा नहीं सुलझता है तो इससे पूरे इलाके में और ज्यादा अस्थिरता फैलेगी। सऊदी मंत्री ने यह भी कहा कि उनका देश जम्मू- कश्मीर के मुस्लिमों को अपना पूरा समर्थन देता है ताकि वे अपनी इस्लामिक पहचान को बचा सकें और गरिमा को सुरक्षित रख सकें।
पाकिस्तान के सुर में बोला ओआईसी
प्रिंस ने कहा कि सऊदी अरब (Saudi Arab) इस्लामिक लोगों को उनकी इस्लामिक पहचान और गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए मदद देता रहेगा। साथ ही हिंसा प्रभावित और अशांति वाले इलाके में प्रभावित लोगों को समर्थन देता रहेगा। जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम पर नजर रखने वाले ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने संकेत दिया कि यह बैठक भारत के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के 4 साल पूरे होने पर आयोजित की गई थी। ताहा ने दुनिया से गुहार लगाई कि वे जम्मू-कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए।
ताहा ने अपने भाषण में ओआईसी के सदस्य देशों को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पूर्ण सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। सऊदी अरब (Saudi Arab) ओआईसी का संस्थापक है और पूरे संगठन में उसका प्रभाव सबसे ज्यादा है। वहीं पर्दे के पीछे से पाकिस्तान ओआईसी को चलाता है और अक्सर भारत के खिलाफ साजिशें रचता रहता है। सऊदी विदेश मंत्री और ओआईसी के महासचिव का बयान ठीक उसी तरह का है, जैसे पाकिस्तान बोलता है। सऊदी अरब ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अभी हाल ही में भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे। उन्होंने भारत के साथ दोस्ती को और मजबूत करने का वादा किया है। भारत सऊदी अरब और यूएई के जरिए मिडिल ईस्ट कॉरिडोर बनाना चाहता है।