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कल तक पिता के साथ ‘पान के पत्ते’ बेचने वाला लड़का आज बन गया ‘IAS’ अफसर

Success Story, IPS Mohammed Ali Shihab

Success Story, IAS Mohammed Ali Shihabजहां बहुत से लोग असफलता को अपनी बुरी किस्मत बताकर आगे बढ़ने का मन बना लेते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हालातों के आगे डटकर खड़े रहते हैं और दुनिया को अपना लोहा मनवाते हैं। यह सक्सेस स्टोरी  वाले हैं (Mohammed Ali Shihab IAS)। उनका जन्म 15 मार्च 1980 को कोरोत अली और फातिमा के घर हुआ था। शिहाब के एक बड़ा भाई, एक बड़ी बहन और छोटी दो बहनें हैं। शिहाब का बचपन काफी मुश्किल हालात में गुजरा है।

मां के रहते हुए अनाथ
पति की मौत के मात्र दो महीने बाद ही फातिमा ने 11 वर्षीय शिहाब, 8 साल की बेटी सौहराबी और 5 वर्षीय बेटी नसीबा को कोझिकोड स्थित कुट्टीकट्टूर मुस्लिम अनाथालय भेज दिया था। तीनों भाई-बहन छोटी उम्र में ही अपने घर से दूर हो गए थे। शिहाब ने अनाथालय में रहकर ही कक्षा 12वीं व प्री की डिग्री हासिल की है।

पिता के साथ बेचे पान के पत्ते
शिहाब बचपन में अपने पिता कोरोत अली के साथ बांस की टोकरियां व पान के पत्ते बेचा करते थे। 31 मार्च 1991 को शिहाब के पिता की किसी बीमारी के कारण मौत हो गई थी, उसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी शिहाब की मां के कंधों पर आ गई थी। शिहाब की मां ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थीं और वह अपने पांच बच्चों का उचित पालन-पोषण नहीं कर पा रही थीं।

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एक दशक यानी 10 साल तक अनाथालय में रहने के बाद घर लौटकर शिहाब ने डिस्टेंस मोड से पढ़ाई की थी। सरकारी नौकरी के लिए शिहाब अब तक 21 परीक्षाएं पास कर चुके हैं (Sarkari Naukri Exam)। बता दें, वह साल 2004 में चपरासी, फिर रेलवे टिकट परीक्षक और जेल वॉर्डन के पद पर काम भी कर चुके हैं।

तीसरे प्रयास में बने ऑफिसर
यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी के दौरान मोहम्मद अली शिहाब ने कई परेशानियों का सामना किया। पहले 2 प्रयासों में वह असफल हो गए थे।लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी। 2011 में अपने तीसरे प्रयास में मोहम्मद अली शिहाब ने यूपीएससी परीक्षा पास की। उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 226वीं रैंक हासिल की थी। यूपीएससी इंटरव्यू में उनके लिए ट्रांसलेटर रखा गया था।