रूस व यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच पिछले 9 महीने से जारी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि तेज हो रही है। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की ऊर्जा सुविधाओं पर हमलों को आगे बढ़ाकर ‘दुश्मन देश’ को 18वीं सदी में वापस धकेल देंगे। दरअसल, पुतिन के सहयोगी के हवाले से यह दावा एक मीडिया रिपोर्ट में किया जा रहा है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की स्टेट ड्यूमा के सदस्य प्योत्र टॉलस्टॉय ने चेतावनी दी है कि सर्दियों से पहले यूक्रेन के बिजलीघरों पर हमलों में कोई कमी नहीं आने वाली। रिपोर्ट के मुतबिक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी के एक सदस्य ने कहा कि यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया जाएगा और देश को 18वीं सदी में वापस धकेल दिया जाएगा।
वहीं, रूस की संसद के सांसद ने फ्रेंच ब्रॉडकास्टर बीएफएम पर चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन के सहयोगी अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन को उसकी मदद के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि मॉस्को में अधिकारियों ने निराधार दावा किया है कि यूक्रेन की राजधानी के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को विदेशी वायु रक्षा मिसाइलों के कारण नुकसान हुआ था।
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‘यूक्रेन के पास स्थिति को सामान्य करने के मौके’
वहीं क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यूक्रेन ‘रूसी पक्ष की जरूरतों को पूरा करने के लिए’ पीछे हटकर ‘दर्द को समाप्त कर’ सकता है। रिपोर्ट में दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यूक्रेन के पास स्थिति को सामान्य करने का हर मौका है। वहीं मॉस्को ने यूक्रेन की इस मांग को बार-बार खारिज किया है कि शांति वार्ता शुरू होने से पहले वे देश से बाहर हो जाएं।
एनर्जी टारगेट्स को निशाना बना रहा रूस
गौरतलब है कि रूसी सैनिकों के की ओर से बीते महीने की शुरूआत के बाद कई मिसाइलें दागी गईं। ईरानी निर्मित ड्रोन को पूरे यूक्रेन में एनर्जी टारगेट की ओर भेजा गया ताकि तापमान शून्य से नीचे गिरने के पर इसकी पावर ग्रिड को तबाह किया जा सके। यह जंग अपने नौ महीने पूरे कर चुकी है और अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रूस यूक्रेनी सैनिकों या सैन्य निर्माण के बजाय देश के बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है ताकि कीव को घुटने टेकने पर मजबूर किया जा सके।