Anupam Kher Tweet: कश्मीरी पंडितों के साथ नरसंहार की कहानी को जब 32 साल बाद विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म के रूप सबके सामने लाने की कोशिश की तब इस पर खूब बवाल मचा। ऐसे में कभी फिल्म को बैन करने की मांग उठी तो कभी कश्मीरी पंडितों की इस कहानी को ही काल्पनिक बता दिया गया। इस फिल्म को रिलीज़ हुए तकरीबन नौ महीने का समय पूरा हो गया है, मगर अब तक भी इस इसपर विवाद जारी है।
अनुपम खेर बॉलीवुड के एक ऐसे एक्टर हैं जो हर मुद्दे पर अपनी राय रखने के लिए मशहूर हैं। हाल ही में उन्होंने IFFI यानी भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी हेड नदाव लपिड (Nadav Lapid) के बयान पर अपना रिएक्शन दिया है। दरअसल, इजराइली फिल्म निर्माता नदाव लपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की निंदा करते हुए उसे अश्लील फिल्म कहा था। सोशल मीडिया पर उनका ये बयान काफी हंगामा मचा रहा है। इसपर रिएक्ट करते हुए अनुपम खेर ने एक ट्वीट किया है और अपनी नाराजगी जाहिर की है।
ऐसा क्या कह गए विवेक अग्निहोत्री
बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की विवादित फिल्म द कश्मीर फाइल्स का ये अपमानजनक बयान अब सोशल मीडिया पर धीरे धीरे तहलका मचा रहा है। ऐसे में ट्विटर पर भी द कश्मीर फाइल्स ट्रेंड करने लगा है। फिल्म मेकर्स और बड़े बड़े सितारे भी इस पर अपना रिएक्शन दे रहे हैं।
#WATCH | Anupam Kher speaks to ANI on Int’l Film Festival of India Jury Head remarks for ‘Kashmir Files’, “…If holocaust is right, the exodus of Kashmiri Pandits is right too. Seems pre-planned as immediately after that the toolkit gang became active. May God give him wisdom..” pic.twitter.com/cUQ1bqzFs7
— ANI (@ANI) November 29, 2022
अनुपम खेर ने किया ट्वीट
हाल ही में अनुपम खेर ने ट्वीट करके लिखा ‘झूट का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो.. सत्य सच के मुकाबले हमेशा छोटा ही होता है..’। वैसे एक्टर का ये ट्वीट इस बात को साफ कर रहा है कि नदव लापिड के कहे शब्दों से उन्हें आपत्ति है।
झूट का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो..
सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है.. pic.twitter.com/OfOiFgkKtD— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 28, 2022
11 मार्च को हुई थी रिलीज
याद दिला दें, विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ इस साल 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. इस फिल्म को लेकर रिलीज से पहले और बाद में खूब विवाद मचा था। अनुपम खेर के अलावा फिल्म में पल्लवी जोशी, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार भी अहम किरदार में नजर आए थे। इस फिल्म की कहानी को लेकर लोगों ने काफी आपत्ति जाताई थी। फिल्म में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की कहानी को दर्शाया गया था।