India Taliban Relations: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी में पाकिस्तान की अहम भूमिक रही है। ऐसे में जाहिर है कि पाकिस्तान को तालिबान से काफी उम्मीदें थी। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजुर था। एक समय जिगरी दोस्त रहे तालिबान और पाकिस्तान इस वक्त एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। लेकिन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच जंग के हालात बने हुए हैं। राजधानी काबुल में पाकिस्तानी राजदुत को जान से मारने की कोशिश हुई है। इस बीच भारत (India Taliban Relations) की पकड़ तालिबान सरकार में काफी मजबूत हो गया है। यह पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका है। इसके साथ ही भारत को अफगानिस्तान (India Taliban Relations) में जापान का भी साथ मिला है।
अफगानिस्तान की स्थिति जानने के लिए भारत के पास आया जापान
एक रिपोर्ट की माने तो, अब जापान भी अफगानिस्तान में दूतावास खोलने जा रहा है। खबरों की माने तो, जापान ने अफगानिस्तान में फिर से दूतावास खोलने के लिए भारत से सलाह ली थी ताकि जमीनी हालात के बारे में सटीक जानकारी मिल सके। भारत ने इस साल जून 2022 में ही अपने दूतावास को सीमित रूप से खोल दिया था। भारत की सलाह के बाद जापान ने भी अपनी योजना को आगे बढ़ाया और 21 अक्टूबर को इसका ऐलान कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक यह बताता है कि भारत ने एक बार फिर से तालिबान राज में भी अफगानिस्तान में अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
अफगानिस्तान में भारत शुरू करेगा रुकी हुई परियोजनाएं
जिस तालिबान का पाकिस्तान के आईएसआई के साथ रिश्तें मजबूत थे आज दोनों जानी दुश्मन बन बैठे हैं। भारत को शुरुआत में इसी का डर था कि, कहीं आईएसआई तालिबान को अपने अनुसार न चलाये और अगर ऐसा होता तो भारत के लिए खतरा बढ़ जाता। क्योंकि, अगर ऐसा होता तो पाकिस्तान कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को उनका नया पनाह अफगानिस्तान में दिलाता। लेकिन, हालात बदल चुके हैं और भारत इस वक्त अफगानिस्तान में अपने विकास परियाजनाओं को आगे बढ़ाने में जुट गया है। भारत ने अफगानिस्तान की जनता के लिए बड़े पैमाने पर गेहूं भेजा है। भारत विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की स्थिति अच्छी है लेकिन उसे सतर्कतापूर्वक कदम उठाने होंगे।