Putin Orders Ceasefire: नये साल के मौके पर दुनिया रूस और यूक्रेन की ओर देख रही थी। दुनिया उम्मीद कर रही थी कि रूस नये साल के मौके पर जंग खत्म करने का एलान करेगा। इस वक्त रूस ने जो फैसला लिया है उससे हर किसी ने राहत की सांस ली है। रूस ने जंग रोक दी है और इसका ऑर्डर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिया है। हालांकि, पूरी तरह से नहीं बल्कि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में दो दिनों के युद्धविराम (Putin Orders Ceasefire)का ऐलान किया है। यह युद्धविराम ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस के अवसर पर किया गया है। पुतिन ने कहा है कि रूसी सेना ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस की पूर्व संध्या और क्रिसमस के दिन यूक्रेन में हमले नहीं करेगी। ऐसे में 6 और 7 जनवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध में काफी अहम दिन माना जा रहा है। रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाई यूरोप के बाकी कैथोलिक ईसाइयों के जैसे 25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं मनाते हैं। इस युद्ध विराम (Putin Orders Ceasefire) की पैरवी रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख पैट्रिआर्क किरिल ने की थी। उन्होंने यूक्रेन युद्ध में शामिल सभी पक्षों से क्रिसमस पर शांति बनाए रखने की अपील की थी, ताकि ऑर्थोडॉक्स लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या और ईसा मसीह के जन्म के दिन सेवाओं में भाग ले सकें।
पुतिन बोले 6 जनवरी से 7 जनवरी तक बंद रहेगी जंग
रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन की ओर से पुतिन का ये आदेश जारी किया गया है। इसमें पुतिन ने कहा कि परम पावन पैट्रिआर्क किरिल की अपील को देखते हुए मैं रूसी संघ के रक्षा मंत्री को 6 जनवरी को दोपहर 12:00 बजे से 24:00 बजे तक यूक्रेन में संघर्ष विराम व्यवस्था शुरू करने का निर्देश देता हूं। उन्होंने आगे कहा कि जिस क्षेत्र में संघर्ष हो रहा है, वहां बड़ी संख्या में ऑर्थोडॉक्स विश्वास का पालन करने वाले नागरिक रहते हैं। हम यूक्रेनी पक्ष से युद्ध विराम की घोषणा करने का आह्वान करते हैं और उन्हें क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सेवाओं में भाग लेने का अवसर देते हैं।
घमंड में चूर है यूक्रेन
दरअसल, रूस के साथ ही यूक्रेनी पैरिशियन सहित कई ऑर्थोडॉक्स ईसाई, जूलियन कैलेंडर के अनुसार 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं, जो कि ग्रेगोरियन कैलेंडर से 13 दिन पीछे है। वहीं, यूक्रेन अपने घमंड में चूर है। पश्चिमी देशों के कंधे पर सवार होकर जंग लड़ रहे यूक्रेन ने पैट्रिआर्क किरिल की युद्धविराम की अपील को खारिज कर दिया है।
रूस ने तैनात किया अपनी सबसे खतरनाक मिसाइल जिरकॉन
इसके साथ ही अमेरिका और पूरे पश्चिमी को रूस ने बता दिया है कि, वो किसी भी कीमत पर इस जंग में पीछे हटने वाला नहीं है। रूस को तोड़ने के लिए अमेरिका और नाटो ने अपनी पूरी ताकत लगा दी लेकिन, वो कुछ नहीं कर पाये। उलटा हुआ यह कि रूस के खिलाफ लगाये गये प्रतिबंधों का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी देशों में ही देखा गया। जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अटलांटिक में दुनिया की सबसे तेज मिसाइल जिरकॉन (Zircon Hypersonic Cruise Missiles) को तैनात कर दिया है। जिरकॉन मिसाइल से लैस रूसी नौसेना का एक युद्धपोत हाल ही में अटलांटिक महासागर में पहुंचा है। पुतिन के इस कदम को पश्चिम के लिए संकेत बताया जा रहा है कि, रूस किसी भी कीमत पर यूक्रेन युद्ध से पीछने नहीं हटने वाला है।
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