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अरबों साल पहले क्या पहनते थे इंसान?खतरनाक भालू से जुड़ी है दुनिया के कपड़ों की कहानी

भालू की खाल निकालकर बनाए जाते थे कपड़े

Ancient Clothing Bear: जर्मनी में पुरातत्वविदों ने कपड़ों के उपयोग के कुछ शुरुआती सबूतों को सबके सामने लाया है। गुफा में रहने वाले भालू के पंजे पर खोजे गए कट के नए निशान से मालूम होता है कि करीब 3 लाख साल पहले प्रागैतिहासिक जानवरों की खाल उनके फर के लिए उतारी गई थी। बता दें, उत्तरी जर्मनी के शॉनिंगन में यह खोज बेहद रोमांचक है क्योंकि बहुत कम लोग जानते हैं कि शुरुआती इंसानों ने अपने शरीर को कैसे ढका और कठोर सर्दियों में किस तरह जीवित रहे थे।

सीएनएन की खबर के अनुसार फर, चमड़ा और अन्य कार्बनिक पदार्थ आमतौर पर 1,00,000 साल से ज्यादा संरक्षित नहीं रह सकते। अक्सर तस्वीरों में गुफा मानव को जानवरों की खाल या फर से बने कपड़े पहने दिखाया जाता है। यह अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस बारे में अपेक्षाकृत कम जानते हैं कि प्राचीन काल में इंसान क्या पहनता था और खुद को मौसम की मार से कैसे बचाता था।

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केव बियर 25000 साल पहले विलुप्त हो गया

एक स्टडी में बताया गया शुरुआती समय की सिर्फ कुछ साइटें ही भालू की खाल उतारे जाने के सबूत दिखाती हैं जिनमें शॉनिंगेन सबसे महत्वपूर्ण है। गुफा में रहने वाले भालू (Cave Bears) बड़े जानवर थे जिनका आकार ध्रुवीय भालू (Polar Bear) के बराबर था। वे करीब 25,000 साल पहले विलुप्त हो गए थे। गुफा में रहने वाले भालू के ‘कोट’ पर लंबे बाल होते थे जो हवा से बचाने का काम करते थे।

भालू के कोट से बनता था कपड़े और बिस्तर

कपड़ों में संभवतः खाल शामिल होती थी जो सिलाई के बिना शरीर के चारों ओर लपेटी जाती थी। कपड़ों को सिलने में इस्तेमाल होने वाली सुई पुरातात्विक रिकॉर्ड में करीब 45,000 साल पहले तक नहीं पाई जाती है। शोधकर्ताओं के लिए यह पता लगाना चुनौतीपूर्ण है कि कपड़ों का इस्तेमाल कब शुरू हुआ था।