इस वक्त कई इस्लामिक देशों में जमकर आर्थिक भूचाल आया है। पाकिस्तान (Pakistan) आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। कंगाली के हाल में दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा है। कभी चीन से भीख मांग रहा तो कभी, सऊदी से तो कभी UAE में जाकर रो रहा है। इस बीच एक और इस्लामिक देश है जहां पर आर्थिक भूचाल आ गया है। देश में खाने के लिए लाले पड़ गये हैं। रोटी-रोटी के लिए लोग तरस रहे हैं। महंगाई से त्रस्त जनता अब बाजारों में जाना पसंद नहीं कर रही। किराने की कीमतें आसामान छू रही है। पाकिस्तान आर्थिक संकट से डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के दोस्त मुल्कों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन ने अब साफ कर दिया है कि वे शहबाज सरकार को खैरात नहीं देने जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने पिछले दिनों यूएई का दौरा किया था लेकिन वह बेकार रहा। यही नहीं यूएई के राष्ट्रपति पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले थे लेकिन उन्होंने अपना दौरा ही रद कर दिया। अब थक हारकर शहबाज सरकार यूएई को पाकिस्तान की 5 बड़ी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने जा रही है।
बता दें, पाकिस्तान के हालात इतने ज्यादा ख़राब हो गए हैं कि शहबाज सरकार ने पाकिस्तान की सरकारी तेल और गैस कंपनी, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड, नैशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान, पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरलाइन, पाकिस्तान नैशनल शिपिंग कार्पोरेशन में हिस्सेदारी बेचने के लिए यूएई को प्रस्ताव दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सरकार ने कथित रूप से यूएई की दो कंपनियों को इन पाकिस्तानी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव दिया है।
सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेच रहे शहबाज
इसके बाद अब पाकिस्तान सरकार यूएई को अपनी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज शरीफ की यूएई की यात्रा के दौरान यह प्रस्ताव दिया गया। पाकिस्तान ने यूएई से मांग की थी कि पाकिस्तानी सामानों को यूएई के बाजार में और ज्यादा पहुंच दी जाए। शहबाज शरीफ ने यूएई की दो बड़ी कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की थी और उन्हें सोलर पॉवर, एयरपोर्ट प्रबंधन आदि में निवेश करने के लिए प्रस्ताव दिया था। यूएई की इन कंपनियों ने पाकिस्तान की फायदे में चल रही कंपनियों में निवेश की इच्छा जताई है। शहबाज शरीफ चाहते थे कि यूएई के राष्ट्रपति से पाकिस्तान आने पर और ज्यादा लोन के बारे में बात करेंगे लेकिन शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने ऐन मौके पर अपने दौरे को ‘खराब मौसम’ बताकर रद कर दिया। इससे शहबाज सरकार को भारी बेइज्जती का सामना करना पड़ा है। यूएई पहले ही पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का नया लोन देने का ऐलान कर चुका है। साथ ही 2 अरब डॉलर के पुराने लोन को वापस नहीं मांगा है।
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IMF की शरण में गया पाकिस्तान
पाकिस्तान अपनी राजधानी इस्लामाबाद के एयरपोर्ट का मैनेजमेंट यूएई की कंपनी को देना चाहता है। पाकिस्तान यह भी चाहता है कि यूएई के साथ उसका व्यापार 10.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाए। पाकिस्तान को कहीं भी लोन नहीं मिलने के बाद अब उसे फिर से आईएमएफ की शरण में जाना पड़ा है जिसने पाकिस्तान सरकार को कई सौ अरब डॉलर के नए टैक्स लगाने के लिए कहा है।