विभिन्न मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने तीन तलाक के उन्मूलन सहित अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की प्रशंसा की। एनआईडी फाउंडेशन (NID Foundation) द्वारा आयोजित “ऑल इंडिया माइनॉरिटी कॉन्क्लेव – अमृत काल में अल्पसंख्यकों की भूमिका” कार्यक्रम में, अहमदिया मुस्लिम समुदाय के विदेश मामलों के निदेशक अहसान गौरी ने कहा, “पीएम मोदी ने देश के लिए और विशेष रूप से अल्पसंख्यकों और अल्पसंख्यकों के लिए कई कदम उठाए हैं। इसकी सराहना की जानी चाहिए। अच्छी चीजों की सराहना की जानी चाहिए और हम उनकी सराहना करते हैं।”
तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने से लेकर अन्य पहलों को लेकर अहमदिया मुसलमानों ने प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की। अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि तीन तलाक इस्लाम भी नहीं मनता। उन्होंने कहा, “तीन तलाक की प्रथा को इस्लाम भी स्वीकार नहीं करता है। ऐसे में पीएम मोदी की सरकार का यह कदम एक अच्छा कदम है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अच्छा कदम है। हम इस पहल का सम्मान करते हैं।”
इस मौके पर अहमदिया मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के विदेश मामलों के निदेशक अहसान गौरी ने कहा, “पीएम मोदी ने देश और अल्पसंख्यकों के लिए कई कदम उठाए हैं और इसकी सराहना की जानी चाहिए। अच्छी चीजों की सराहना की जानी चाहिए और हम उनकी सराहना करते हैं।” ध्यान रहे, 1 अगस्त 2019 को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून पारित हुआ था। उसके बाद से ट्रिपल तलाक के मामलों में करीब 82 फीसदी की गिरावट आई है। ट्रिपल तलाक को खत्म कर मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक, मौलिक और संवैधानिक अधिकारों को मजबूत किया है।
सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूर खान ने कहा, “दुनिया पीएम मोदी को एक महान नेता के रूप में पहचानती है। वह आज एक वैश्विक नेता हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसा महान नेता मिला है जिसने हमारे देश को विश्व नेता बना दिया है।” मौलाना कौकब मुज्तबा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, उलमा फाउंडेशन की अध्यक्ष जामिया आलिया जाफरिया ने कहा कि पीएम मोदी ने ऐसे फैसले लिए हैं जो 1947 से नहीं लिए गए।