केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने लगातार आगे बढ़ते भारत की ज़बरदस्त वृद्धि पर बल दिया है, और कहा है कि देश में “अगले 25 वर्षों में 10 गुना से अधिक विकास क्षमता है।यह क्षमता सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को मज़बूत करेगी और व्यापार, प्रौद्योगिकी,पर्यटन और प्रतिभा(Trade, Technology, Tourism तथा Talent) जैसे 4Ts पर ध्यान केंद्रित करेगी।”
उन्होंने कहा कि यह स्थिरता और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भारत के महत्वाकांक्षी मिशन को सुदृढ़ करेगा। यह बात 2021 में ही पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के अपने प्रदर्शन से प्रमाणित हो गयी है। वाणिज्य मंत्री सोमवार को फ़ेडरेशन ऑफ़ एंटरप्राइजेज इन बेल्जियम (एफईबी) द्वारा आयोजित एक व्यापार बैठक के दौरान को फ़ेडरेशन कार्यालय अपना मुख्य भाषण दे रहे थे। वाणिज्य मंत्री भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए ब्रसेल्स की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, इसके बाद गोलमेज चर्चा हुई, जिसमें उन बेल्जियम उद्यमों की उपलब्धियों की चर्चा भी शामिल थी, जो भारत में मौजूद हैं और संचालन कर रहे हैं। बेल्जियम में मौजूद भारतीय और विदेशी कंपनियों को लेकर चर्चा हुई और बैठक के दौरान मौजूद व्यापारिक संगठनों की टिप्पणियां भी इसमें शामिल थीं।
गोलमेज सम्मेलन के दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा की गयी, उनमें टैक्स और टैरिफ़, बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) की सुरक्षा, निवेश, अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में नियमों की आवश्यकता, नियामक अनुपालन को कम करना, शून्य कार्बन प्रौद्योगिकी और हरित वित्तपोषण, अपतटीय पवन प्रणाली आदि शामिल हैं।
गोलमेज चर्चा के जवाब में गोयल ने इस बात को रेखांकित किया कि जलवायु मुद्दों जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करते हुए विकसित और उभरती दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक समान अवसर होना चाहिए।
जहां भारत शुद्ध शून्य उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है,वहीं सभी संबंधित पक्षों द्वारा सार्थक योगदान होना चाहिए और पेरिस समझौते के तहत की गयी प्रतिबद्धताओं का सभी देशों द्वारा पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी कि भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) का तंत्र इन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर सकता है।
वाणिज्य मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय और यूरोपीय संघ (ईयू) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मुद्दों के संबंध में कई आम चिंताओं को साझा करते हैं, जहां उनकी स्थिति काफी हद तक एक ही तरह की होती है और इसलिए, आगामी विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अपने सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सर्वसम्मति-आधारित समाधान खोजने में संयुक्त रूप से योगदान कर सकते हैं।