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पीयूष गोयल की ग्लोबल साउथ के पक्ष में WTO में सुधारों की मांग

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

Reforms in WTO: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि G-20 व्यापार और निवेश मंत्रिस्तरीय बैठक (टीआईएमएम) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में बाधाओं को कम करने, उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ावा देने और सभी के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर ज़ोर दिया जायेगा।

कई मंत्रालयों को संभालने वाले इस मंत्री ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सुधारों के साथ एक अधिक गतिशील और समावेशी व्यापार माहौल बनाना ज़रूरी है। यह रेखांकित करते हुए कि भारत व्यापार और निवेश के क्षेत्र में वैश्विक दक्षिण को नेतृत्व प्रदान कर सकता है, गोयल ने बताया कि इन सुधारों को उभरते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को प्रतिबिंबित करना चाहिए।

आज जयपुर में टीआईएमएम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गोयल ने सदस्यों को ठोस, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख परिणाम प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता बतायी।

गोयल ने कहा कि टीआईएमएम बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, समावेशी व्यापार और व्यापार और व्यवसाय में आसानी से संबंधित मुद्दों पर साझा परिणाम तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

उन्होंने कहा कि भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत आयोजित चार व्यापार और निवेश कार्य समूह (TIWG) की बैठकों में इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया है। गोयल ने कहा कि इन बैठकों का उद्देश्य निष्पक्ष, समावेशी और टिकाऊ व्यापार और व्यापार संबंधी निवेश नीतियां तैयार करना है।

इस बीच टीआईएमएम निम्नलिखित मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा: वैश्विक विकास और समृद्धि के लिए बहुपक्षीय व्यापार; समावेशी एवं लचीला व्यापार और कागज रहित व्यापार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ।

मंत्री ने कहा कि बढ़ती चुनौतियों के बीच मुद्दों पर चर्चा से ठोस नतीजे निकलेंगे।

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि कोविड-19 महामारी ने समावेशी और टिकाऊ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने के महत्व को सामने ला दिया है, गोयल ने कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं की अवधारणा ने राष्ट्रों के व्यापार और निवेश में शामिल होने के तरीके में क्रांति ला दी है।