फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इसी जंग की वजह से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए। लेकिन इन्ही प्रतिबंधों की वजह से भारत को रूस (Russia) से सस्ती दरों पर तेल मिलना शुरू हुआ। वहीं अब इस सस्ते तेल की सप्लाई अटकी सकती है। यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति के सर्वोच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने एक बार फिर रूस से तेल आयात पर भारत पर निशाना साधा है। बोरेल के सुर इस बार बदले थे लेकिन वह अपनी बात को दोहराना नहीं भूले। जोसेप बोरेल ने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीद रहा है तो फिर ठीक है। बोरेल ने पिछले दिनों इस बात पर आपत्ति जताई थी कि आखिर भारत, रूस से तेल खरीदकर फिर से उसे प्रोसेस करके यूरोप को बेचता है।
बोरेल का नया बयान यह बताने के लिए काफी है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले दिनों उनके जिस नियम पर नसीहत दी थी, अब वह उन्हें शायद समझ आ गया है। वैसे बोरेल को उनके ही देश के विशेषज्ञ एक शर्मिंदगी के तौर पर देखते हैं।
अपने नियम दूसरों पर नहीं थोपे
जोसेप बोरेल जिन्हें ईयू का कहा कि नीति गुरु कहा जाता है, उन्होंने कहा कि भारत, रूस से तेल खरीद रहा है ठीक है। यह बात भी सच है कि ईयू अपने खुद के प्रतिबंध और नियम दूसरे देशों पर थोप नहीं सकता है। बोरेल के मुताबिक वह ऐसा इसलिए नहीं कह रहे हैं क्योंकि वह भारत के साथ किसी समस्या से बचना चाहते हैं बल्कि वह जानते हैं कि नई दिल्ली पर यूरोप की इच्छा नहीं थोप सकते हैं। इसके साथ ही वह यह कहना भी नहीं भूले कि भारत अब यूरोप को और ज्यादा प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स सप्लाई करने लगा है।
बोरेल को याद दिलाया नियम
इस दौरान बोरेल के सुर पिछले हफ्ते तक काफी तल्ख थे। उन्होंने मांग की थी कि भारतीय रिफाइनरीज पर एक्शन लेना चाहिए क्योंकि वह रूस से आने वाले कच्चे तेल को प्रोसेस करके यूरोप को बेच रही हैं। इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ही अंदाज में उन्हें करार जवाब देकर उनका मुंह बंद कर दिया था। जयशंकर ने बोरेल को ईयू काउंसिल के उस नियम की याद दिलाई थी जिसे वह शायद भूल चुके थे। जयशंकर ने बोरेल को ईयू काउंसिल के 833/2014 की याद दिलाई।
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जयशंकर ने कहा कि इस नियम के साथ ही यह साफ हो जाता है कि रूस से आने वाला कच्चा तेल अगर किसी तीसरे देश में प्रॉसेस से गुजरता है तो फिर उसे रूसी तेल नहीं समझा जाएगा। बोरेल यहीं नहीं रुके थे। उनका कहना था कि अगर डीजल या पेट्रोल यूरोप में दाखिल हो रहा है और भारत से आ रहा है और रूसी तेल के साथ प्रॉसेस्ड उत्पादित किया जा रहा है, यह निश्चित रूप से प्रतिबंधों का उल्लंघन है और सदस्य देशों को इससे निबटना होगा। इस बीच जयशंकर के जवाब ने बोरेल के हर आरोप को खारिज कर दिया।