पाकिस्तानी मीडिया ने ख़बर दी है कि सेना और सरकार के संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर हमला करने की योजना 9 मई के दंगों से एक दिन पहले ही ज़मान पार्क में बनाई गयी थी। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, पंजाब पुलिस ने खुलासा किया है कि कोर कमांडर के आवास और अन्य इमारतों पर हमले की योजना पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और उनके क़रीबी सहयोगियों द्वारा बनायी गयी थी।
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और मोबाइल नेटवर्क के साथ-साथ इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पतों का विश्लेषण करने वाली जियोफ़ेंसिंग से पता चला है कि ख़ान और ज़मान पार्क के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा 400 से अधिक फ़ोन कॉल किए गए थे, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं को लाहौर कोर की ओर बढ़ने के लिए उकसाया जा सके,जहां कमांडर का घर है और अन्य सार्वजनिक संपत्तियां हैं।
पुलिस ने पाकिस्तानी मीडिया के साथ बात करते हुए कहा कि 8 मई और 9 मई को ज़मान पार्क से पार्टी नेताओं और दंगाइयों को हमला करने के लिए उकसाने के लिए 154 कॉल किए गए थे।
जियोफेंसिंग विश्लेषण से पता चला कि यास्मीन राशिद, हम्माद अज़हर और महमूदुर रशीद दंगाइयों के संपर्क में रहे। एजाज़ चौधरी, असलम इक़बाल और मुराद रास भी प्रदर्शनकारियों के संपर्क में रहे। 215 लोगों ने 9 मई को पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के छह नेताओं से संपर्क किया था।
पुलिस ने नेताओं और उन लोगों द्वारा किए गए कॉल की सटीक संख्या की गणना की है, जो कथित तौर पर सेना और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ कर रहे थे।