देहरादून: पासिंग आउट परेड के बाद देश सेवा को तैयार हैं भारतीय सेना के 331 युवा अफसरों की टोली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने परेड की ली सलामी। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में पासिंग आउट परेड में जहां भारतीय सेना को 331 युवा अफसरों की टोली मिली,वहीं सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी आइएमए से पास आउट हुए हैं।
पासिंग आउट परेड में बतौर निरीक्षण अधिकारी और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सभी कैडेटों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आईएमए से पास आउट हुए जाबांज सेना के अधिकारी युद्ध के तेजी से बदलते स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अपने कौशल को अद्यतन करते रहें। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के विकास के चलते युद्ध की गतिशीलता काफी तेजी से बदल रही है और युद्ध लड़ना काफी ज्यादा जटिल हो गया है। ऐसे में तकनीकी कौशल,मानसिक चतुरता,मुख्य बिन्दुओं पर सोचना और त्वरित प्रतिक्रिया सफलता की कुंजी होती है।
जनरल पांडे ने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी योग्यता को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहें। आपकी यह यात्रा सेना में शामिल होने के साथ ही समाप्त नहीं होती है। इसके विपरीत, यह आत्म सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की शुरुआत है। इसके साथ ही जनरल पांडे ने कहा कि सैनिकों का पेशा सभी पेशों में से सबसे अच्छा है,क्योंकि यह वर्दी पहनने और नि:स्वार्थ भाव के साथ अपनी मातृभूमि की सेवा करने का अवसर प्रदान करता है।
पासिंग आउट में कैडेट्स के शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे लोग देशभक्ति से ओतप्रोत दिखे। पासिंग आउट परेड में सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे,तो वहीं आसमान से हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्प वर्षा हो रही थी। परेड के बाद होने वाली ओथ सेरेमनी के बाद 373 सैन्य अधिकारी देश विदेश की सेना में बतौर अफसर शामिल हो गए। जिनमें से 331 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना में शामिल हुए। जबकि 19 जवान भूटान के, तजाकिस्तान के 17 श्रीलंका के 2 और वियतनाम,सुडान,सेशेल्स व मालदीव का एक-एक कैडेट भी पास आउट हुए। इसके साथ ही सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 64,862 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया।