Hindu Temple: मथुरा और आगरा के मंदिरों में तो आप बहुत बार गए होंगे, मगर आपने कभी ये सोचा है की यहां छोटे कपड़े पहनने पर ही प्रतिबंध लग जाएगा? जी हां, अब से जो भी श्रद्धालु छोटे कपड़े पहनते हुए पाया जाता है, तो उसे मंदिर में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया जाएगा। आगरा के कैलाश महादेव मंदिर समेत कई मंदिरों में छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है। वहीं मथुरा का राधा बल्लभ के साथ-साथ कई और मंदिरों में भी इस तरह के निर्देश दे दिए गए हैं। मंदिर प्रशासन के मुताबिक भक्तों को मंदिर आते हुए भारतीय परंपरा वाले वस्त्र ही पहनने होंगे, अगर वो छोटे कपड़े पहनते हुए पाए जाते हैं, तो उनकी एंट्री गेट से ही नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध जैसे बोर्ड भी यहां लगा दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि ऐसे कपड़े पहनने पर मंदिर में एंट्री मना है।
मंदिरों में छोटे कपड़े पहनने पर लगी रोक
आगरा के कैलाश महादेव मंदिर के मंहत का कहना है कि लोगों को मंदिर में परंपरागत और हिंदू संस्कृति के अनुसार ही कपड़े पहनने चाहिए, जिससे धार्मिक मान्यताएं भी आहत न हो। यही सब देखते हुए मंदिरों में छोटे कपड़ों पर रोक लगा दी है। वहीं मथुरा के मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महंत ने भी इसे सही ठहराया है, उन्होंने कहा मंदिर में प्रवेश के लिए भारतीय परिधान ही होने चाहिए। इसलिए भक्तों के लिए ये जरूरी है कि आप मंदिर में एंट्री सभ्य कपड़ों के साथ ही करें।
दक्षिण के कई मंदिरों में है पहले से ही प्रतिबंध
इससे पहले ही मथुरा के राधा बल्लभ, राधा दामोदर मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर मंदिर जाने पर रोक लगा दी गई है। बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने भी इसे सही समझा है, प्रशासन का कहना है छोटे कपड़े पहनकर आने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। बता दें, ये पहली बार नहीं है जहां भक्तों के इस तरह के कपड़े पहनने पर रोक लगाया गया हो, जानकारी के अनुसार, दक्षिण भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां पहले से ही लोगों के लिए ड्रेस कोड बनाया हुआ है। वहां महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को शर्ट-धोती पहनने पर भी एंट्री मिलती है।
बता दें, ऋषिकेश-हरिद्वार के मंदिरों में भी प्रशासन ने छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दिया है। यहां के प्रशासन का भी यही कहना है कि महिलाओं और पुरुषों को सनातन धर्म से जुड़ी संस्कृति को समझना चाहिए और मर्यादित कपड़े ही पहनने चाहिए। बता दें, यहां के भी कई मंदिरों में छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दी है। मतलब आपका शरीर 80% तक ढका होना चाहिए, तभी मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।