आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे 21 जुलाई को भारत यात्रा पर आ रहे हैं। यात्रा के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं । बता दें कि राष्ट्रपति विक्रमसिंग के यह पहली भारत यात्रा है। साल 2022 में गोटाबाया राजपक्षे के सत्ता से बेदखल होने के बाद बिक्रमसिंघे को ऱाष्ट्रपति बनाया गया था।
राष्ट्रपति के रूप में बिक्रमसिंघे की पहली भारत यात्रा
बता दें कि पिछले साल 2022 में जनता के विद्रोह के बाद श्रीलंका में सत्ताधारी पार्टी गोटाबाया राजपक्षे को सत्ता से बेदखल कर दिया गया। जिसके बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका का राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को बनाया गया। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सितंबर 2024 तक के लिए राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है।
21 जुलाई को भारत यात्रा पर आ रहे हैं बिक्रमसिंघे
विक्रमसिंघे की भारत यात्रा को लेकर व्यवस्था पर काम करने के लिए भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा अगले सप्ताह श्रीलंका जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि विक्रमसिंघे पीएम मोदी से भी मुलाकाल कर सकते हैं। भारत यात्रा से पहले द्वीप राष्ट्र में बिजली और ऊर्जा,कृषि और समुद्री मुद्दों और भारतीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को अंतिं रूप देंगे।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद,बिजली औऱ ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा,विदेश मंत्री अली साबरी और राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ सागला रत्नायके भी भारत आएंगे।
क्या विक्रमसिंघे के लिए भारत यात्रा ‘उम्मीद यात्रा’ साबित होगी?
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की भारत यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। श्रीलंका की दिवालिया अर्थव्यवस्था में सुधार के अस्थायी संकेत भी दिखाई दिए हैं।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की प्रस्तावित भारत यात्रा इसलिए होगी, क्योंकि श्रीलंका की दिवालिया अर्थव्यवस्था में ‘सुधार के अस्थायी संकेत’ दिखाई दिए हैं।हालांकि श्रीलंका के लिए आर्थिक सुधार चुनौतीपूर्ण अभी भी बना हुआ है। अब पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आर्थिक सुधार की जरूरत है। इस लिए अनुमान लगाया जा रहा है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की यह यात्रा श्रीलंका के लिए सुखद साबित हो।
बता दें कि श्रीलंका पिछले साल अप्रैल के मध्य में डिफॉल्ट घोषित किया था। हालांकि IMF से इस साल मार्च में 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राहत राशि हासिल की है।