रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) ने एक बार फिर से यूक्रेन के बहाने नाटो देशों को अपने निशाने पर ले लिया है। पुतिन ने कहा कि रूसी सेना के लिए यूक्रेन में विदेशों में बने टैंक एक ‘प्राथमिकता वाले लक्ष्य’ हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों के हथियारों की आपूर्ति युद्ध के परिणाम में कोई बदलाव नहीं कर पाएगी। पुतिन ने सरकारी टीवी पर दिए अपने भाषण में कहा कि यूक्रेन को अगर नाटो की सदस्यता दी गई तो यह रूस की सुरक्षा के लिए खतरा होगा। नाटो देशों ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को झटका देते हुए नाटो की सदस्यता देने से किनारा कर लिया था। अमेरिका ने अब्राम, जर्मनी ने लेपर्ड और ब्रिटेन ने भी अपना टैंक यूक्रेन को दिया है।
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों के हथियार देने की वजह से वैश्विक तनाव और ज्यादा बढ़ेगा और संघर्ष लंबा चलेगा। फ्रांस के 250 किमी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइलों के देने पर पुतिन ने कहा, ‘हां, वे नुकसान पहुंचाएंगी लेकिन उनके इस्तेमाल से युद्ध क्षेत्र में बहुत खास असर नहीं होने जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि विदेशों में बने टैंक रूसी सेना के लिए प्राथमिकता वाले लक्ष्य हैं।
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बाइडन ने दी धमकी
इस बीच बाइडन ने आशा जताई कि यूक्रेन की सेना की जवाबी कार्रवाई भले ही धीमी चल रही हो लेकिन इससे रूस बातचीत की टेबल पर आने के लिए बाध्य होगा। उन्होंने रूस से सटे फिनलैंड में कहा कि पुतिन के युद्ध जीतने की कोई संभावना नहीं है। हाल ही में फिनलैंड नाटो में शामिल हुआ है और अब स्वीडन भी इस सैन्य संगठन का सदस्य बनने जा रहा है। इससे पहले नाटो के शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की को बड़ा झटका लगा था। जेलेंस्की नाटो सम्मेलन के दौरान अलग-थलग नजर आए थे। इस बीच बताया जा रहा है कि यूक्रेन को अमेरिका से क्लस्टर हथियार मिल चुके हैं। ‘तेवरिया’ परिचालन और रणनीतिक बलों के समूह के कमांडर ऑलेक्ज़ेंडर टारनवस्की ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन ने अब तक उन हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है। टारनवस्की ने कहा कि क्लस्टर युद्ध सामग्री युद्ध के मैदान में स्थिति को मौलिक रूप से बदल सकती है।