प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने महज 9 वर्षों के कार्यकाल में भारतीय सेना (Indian Army) की दशा और दिशा बदल कर रख दी है, जो दुश्मनों के दंभ को दुर्दशा में बदलने की ताकत रखती है। आज भारत के पास अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी चौथी सेना है। भारत अब पाकिस्तान और चीन के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व के अन्य ताकतवर देशों लिए भी चुनौती बन गया है। पीएम मोदी सेना को सर्वाधिक ताकतवर बनाने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं।
भारत के पास कुल 62 लड़ाकू विमान
हाल ही में पीएम मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान देश के सबसे खतरनाक माने जाने वाले युद्ध पोत आइएनएस विक्रांत के लिए 26 अतिरिक्त लड़ाकू विमानों का सौदा किया है। इसके साथ ही अब भारत के पास कुल 62 लड़ाकू विमान हो जाएंगे। भारतीय रक्षामंत्रालय ने फ्रांस के साथ 3 विशेष पनडुब्बियों का भी सौदा किया है। इसके अलावा भारत के पास पहले से अपनी बेहद खतरनाक परमाणु पनडुब्बियां हैं।
यह है नई भारतीय सेना
आज का हिंदुस्तान अब हथियारों के लिए दूसरे देशों पर उम्मीद की निगाहें नहीं टिकाता, आज का भारत अब हथियारों का रोना नहीं रोता, बल्कि अपने साथ-साथ दुनिया के 75 से अधिक देशों को हथियार सप्लाई भी करता है। ये नई भारतीय सेना की ताकत है। भारतीय सेना के बेड़े में अब एक से बढ़कर एक ताकतवर युद्धक विमान, युद्धपोत और घातक हथियार शामिल किए जा चुके हैं । इसमें नौसेना के बेड़े में शामिल हुए स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट कैरियर आइएनएस विक्रांत का नाम प्रमुख है, जो दुश्मन की तबाही का प्रतीक है।
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आइएनएस विक्रांत की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस पर 30 से अधिक लड़ाकू विमान लैंडिंग व टेक ऑफ कर सकते हैं। इसके लिए भारत ने फ्रांस से 26 राफेल विमानों का ऑर्डर दिया है। इस पर सुपर और हाईपरसोनिक 32 मिसाइलें और फाइटर हेलकॉप्टर की भी तैनाती की जा सकती है। इसमें गैस टर्बाइन और अत्याधुनिक रडार सिस्टम भी है। इसके अलावा बीते वर्ष ही आइएनएस विक्रमादित्य युद्धपोत व कई परमाणु पनडुब्बियां भी भारतीय नौसेना का हिस्सा बनीं। स्वदेशी तेजस फाइटर जेट भी दुनिया को चुनौती देने के लिए सेना का हिस्सा बन चुका है।
क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन करने में भी भारतीय सेना को महारत हासिल
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया के सामने क्विक एक्शन आर्मी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। पहले जहां देश की सेना(Indian Army) को बुलेट प्रूफ जैकेट और आधुनिक हथियारों और गोला-बारूद की कमी से जूझना पड़ता था, अब सीन बदल चुका है। देश की सेना बुलेट प्रूफ जैकेटों, हथियारों, फाइटर जेटों, सबमरीन, बैलिस्टिक मिसाइलों, कंबैट हेलीकॉप्टरों, अटैक हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम इत्यादि से पूरी तरह लैस हो चुकी है। क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन करने में भी भारतीय सेना को महारत हासिल हो चुकी है। पाकिस्तान में दो बार सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक, श्रीलंका की मदद के लिए आतंकियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक, गलवान और तवांग में चीन की चित कर बॉर्डर से दूर खदेड़ने वाली घटनाएं क्विक एक्शन आर्मी का प्रमाण बन चुकी हैं। यही वजह है कि दुश्मन पाकिस्तान और चीन भारतीय सेना के बुलंद हौसलों से थर्राने लगे हैं।
सेना के पास हथियारों के लिए धन का अंबार
मोदी सरकार ने सेना को ताकत देने के लिए देश के रक्षा बजट में भी जबरदस्त इजाफा किया है। वर्ष 2014 में भारत का रक्षा बजट 2.53 लाख करोड़ था, जो कि अब बढ़कर 5.94 लाख करोड़ हो चुका है। भारत के रक्षा राज्यमंत्री के लोकसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में दिए गए संदर्भ के अनुसार भारत रक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इससे भारत की बढ़ती सामरिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।