Russia के राष्ट्रपति Putin और बेलारूसी नेता Lukashenko के बीच मॉस्को में मुलाकात हुई। पुतिन और लुकाशेंको के बीच की यह मुलाकात वैगनर ग्रुप के असफल विद्रोह के बाद यह पहली बार हुई है। लुकाशेंको लगातार वैगनर ग्रुप के विद्रोह को खत्म करने का श्रेय ले रहे हैं।
रूस की राजधानी मास्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रविवार को क्रेमलिन में मुलाकात की। क्रेमलिन रूस के राष्ट्रपति का कार्यालय है। वैगनर ग्रुप के असफल विद्रोह के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब क्रेमलिन ने दो दिनों पहले ही कहा था कि बेलारूस के खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामकता को रूस पर हमला माना जाएगा।
यहां लुकाशेंको ने पुतिन से कहा है कि बेलारूस में मौजूद वैगनर लड़ाके वर्साय यानी पोलैंड की राजधानी की तरफ बढ़ना चाहते हैं। यहां उन्होंने पुतिन को पोलैंड का नक्शा दिखाया और उसके करीब सैन्य मौजूदगी की सूचना दी। वहीं, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यूक्रेन का जवाबी हमला फेल हुआ है।
इधर रूसी बयानबाजी के बाद से पोलैंड ने अपने सैनिकों को सीमा के पास तैनात कर दिया है। बेलारूस में भी वैगनर ग्रुप के लड़ाके सीमा के करीब ही मौजूद हैं। रूस का कहना है कि वह बेलारूस का बचाव करने के लिए हर तरीके इस्तेमाल करेगा। क्रेमलिन के मुताबिक लुकाशेंको की यह यात्रा रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण है।
बेलारूस पहुंचे वैगनर लड़ाके
रूस के सरकारी मीडिया ने दोनों राष्ट्रपतियों के बातचीत का वीडियो जारी किया है। जुलाई की शुरुआत में बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको ने वैगनर लड़ाकों को उनके देश में आने और सेना को ट्रेनिंग देने को कहा था। लुकाशेंको का यह आमंत्रण रूस में विफल हुए वैगनर ग्रुप के विद्रोह के बाद आया था।
इस मुलाक़ात के कई मायने
रूस और यूक्रेन के भीषण युद्ध के बीच बेलारूस की तरफ पुतिन एक नया हमला कर सकते हैं। वह बेलारूस के जरिए नाटो देश पोलैंड के खिलाफ आक्रामकता दिखा सकते हैं। हाल ही में बेलारूस की एक सैटेलाइट तस्वीरें आई हैं, जो पश्चिम की चिंता बढ़ाने वाली हैं।
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