UPI Monthly Transactions: आज के समय में भारत में बच्चा-बच्चा यूपीआई से अवगत है और अवगत ही क्या, रोज इसका इस्तेमाल भी करता है। फिर भले ही सब्जी खरीद रहे हों या एक कप चाय पी रहे हों, या फिर बिजली से लेकर मोबाइल तक का बिल भर रहे हों, यूपीआई ने इस सभी कामों को आसान और पूरी तरह से डिजिटल बना दिया है। भारत में डिजिटल पेमेंट को आम लोगों तक पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका यूपीआई ने ही निभाई है और शुरुआत से ही इसने एक के बाद एक कई बेमिसाल रिकॉर्ड बनाया है।
यदि ऐसा हुआ तो लिखा जाएगा इतिहास
दरअसल, अब UPI एक और ऐसे शानदार रिकॉर्ड की दहलीज पर है, जिसका आंकड़ा देखने-सुनने में ही अविश्वसनीय जैसा लगता है। सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त महीने में यूपीआई ने संभवत: डिजिटल पेमेंट की दुनिया का नया माउंट एवरेस्ट बना दिया है। बताया जा रहा है कि शायद अगस्त महीने के दौरान कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 10 बिलियन के पार निकल गया। अगर ऐसा होता है कि तो अगस्त अभी तक के इतिहास में 10 बिलियन यूपीआई पेमेंट वाला पहला महीना बनने जा रहा है।
NPCI के आंकड़े क्या कहते हैं?
सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट हवा-हवाई भी नहीं लगती है, क्योंकि खुद एनपीसीआई के आंकड़े रिपोर्ट को पुख्ता बनाते हैं। एनपीसीआई ने 29 अगस्त को पेमेंट को लेकर कुछ आंकड़े शेयर किया है। आंकड़ों के अनुसार, महीने के दौरान 29 तारीख तक ही यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या 9.88 बिलियन पर पहुंच चुकी थी। ऐसे में बाकी बचे 2 दिन में इस आंकड़े का 10 बिलियन के पार निकल जाना कहीं से अतिश्योक्ति नहीं लगता है।
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जुलाई में हुई इतनी UPI पेमेंट
नेशनल पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने के दौरान देश में कुल 9.96 बिलियन यूपीआई पेमेंट किए गए थे। वैल्यू के हिसाब से आंकड़ा 15.34 लाख करोड़ रुपये का हो जाता है।अगस्त में यूपीआई पेमेंट की रफ्तार और तेज हुई है। उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से अगस्त महीने के दौरान यूपीआई पेमेंट ने करीब-करीब 300 मिलियन डेली पेमेंट का औसत निकाला है। वर्ल्डलाइन इंडिया के स्ट्रेटजी, इनोवेशन एंड एनालिटिक्स हेड एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुनील रोंगाला की मानें तो यूपीआई के लिए 10 बिलियन का आंकड़ा ही लिमिट नहीं है, उनका कहना है कि 10 बिलियन का स्तर पा लेने के बाद भी यूपीआई के पास ग्रो करने की बहुत गुंजाइश बाकी है। आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई पी2एम ट्रांजेक्शन सालाना आधार पर 100 फीसदी से ज्यादा दर से बढ़ रहे हैं। इनका शेयर भी पी2पी ट्रांजेक्शन से ज्यादा है।