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China को डरा रहे ये भारतीय आंकड़े! तो क्या इसलिए भारत आने से डर रहे शी जिनपिंग?

चीन को डरा रहे भारतीय इकॉनमी के आंकड़े

न सिर्फ चीन (China) बल्कि दुनिया के कई दूसरे देश मंदी के साये में जी रहे हैं। लेकिन भारत की इकॉनमी कुलांचे मार रही है। भारतीय इकॉनमी के लिए चारों तरफ से एक के बाद एक गुड न्यूज आ रही है। जीडीपी की रफ्तार एक साल में सबसे बेहतर रही और अगस्त में जीएसटी कलेक्शन 11 परसेंट बढ़ गया। मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई, ऑटो डिस्पैच, बिजली की खपत, जेट फ्यूल की बिक्री, रेलवे फ्रेट, कोल प्रॉडक्शन और यूपीआई ट्रांजैक्शन रेकॉर्ड पर पहुंच गया। शायद यही वजह है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आने से कतरा रहे हैं। उन्हें जी-20 देशों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आना था लेकिन वह इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं। जाने उन फैक्टर्स के बारे में जो भारत इकॉनमी के हैप्पीनेस इंडेक्स को बयां कर रहे हैं।

GDP की रफ्तार

पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने शानदार प्रदर्शन किया है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान भारत का ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी पर पहुंच गया जो एक साल में सबसे अधिक है। भारत के लिए ये आंकड़े इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि दुनिया की किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में ये सबसे तेज ग्रोथ रेट है। जी-20 समिट से पहले आए इन आंकड़ों से भारत की स्थिति और मजबूत हो गई है।

GST कलेक्शन

पहली तिमाही में जीडीपी की शानदार ग्रोथ रेट के बाद अगस्त में जीएसटी कलेक्शन में भी तेजी जारी रही। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में जीएसटी कलेक्शन में 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 1.59 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। चालू वित्त वर्ष यानी 2023-24 जीएसटी के लिहाज से काफी अच्छा रहा है। त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है और आने वाले महीनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।

मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई

एसएंडपी ग्लोबल के हालिया सर्वे के मुताबिक अगस्त में विनिर्माण क्षेत्र के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई (PMI) का आंकड़ा 58.6 पर रहा है जो तीन महीने का उच्च स्तर है। यह इस बात का संकेत है कि अगस्त में विनिर्माण गतिविधियों में अच्छी तेजी रही है। जुलाई में यह 57.7 था। अगस्त में यह लगातार 26वें महीने 50 के ऊपर है, जो विनिर्माण गतिविधियों में विस्तार को दिखाता है।

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​ऑटो डिस्पैच

अगस्त में कार कंपनियों ने 369,000 यूनिट डिस्पैच किए जो अब तक का रेकॉर्ड है। पिछले साल अगस्त में 327,000 यूनिट डिस्पैच किए थे। इस तरह इसमें 12.8 परसेंट तेजी आई है। इससे पहले सितंबर, 2022 में सबसे ज्यादा 355,000 यूनिट डिस्पैच की गई थीं। मारुति ने सबसे ज्यादा 156114 यूनिट डीलरों को भेजी जो पिछले साल के मुकाबले 16.4 परसेंट अधिक है। हुंडई ने 8.7 परसेंट, महिंद्रा ने 25 परसेंट और टोयोटा किर्लोस्कर ने 40 परसेंट ज्यादा कारें डिस्पैच की हैं।

​बिजली, जेट फ्यूल, रेलवे फ्रेट और कोल प्रॉडक्शन

अगस्त में बिजली की खपत 152 अरब यूनिट पहुंच गई जो एक साल पहले 130 अरब यूनिट थी। इसी तरह जेट फ्यूल की बिक्री में भी अगस्त में नौ परसेंट की तेजी आई है। रेलवे फ्रेट भी एक साल पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है। पिछले साल अगस्त में यह 119.3 मिलियन टन था जो अब 126.9 मिलियन टन पहुंच गया है। कोयले के उत्पादन में भी 12.9 परसेंट की उछाल आई है।

UPI ट्रांजैक्शन

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आधारित पेमेंट पहली बार अगस्त में 10 अरब ट्रांजैक्शंस को पार कर गया। यूपीआई पर मंथली ट्रांजैक्शंस की संख्या 15.18 ट्रिलियन रुपये के लेनदेन मूल्य के साथ 10.24 अरब को पार कर गई है। यूपीआई पर लेनदेन में पिछले साल के मुकाबिल 50 फीसदी तेजी आई है। जुलाई में डिजिटल भुगतान नेटवर्क ने 9.96 अरब लेनदेन दर्ज किए थे।