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Interesting Facts About Birds: बहुत कम लोगों को पता होगा पक्षियों से जुड़ा ये अनोखा फैक्ट, जानिए आप भी

Interesting Facts About Birds

प्रकृति ने जितने भी जीव इस धरती पर बनाए हैं, उन्हें एक दूसरे से कई मामलों में अलग कर दिया। उनकी बनावट से लेकर रूप-रंग, खानपान, आदि जैसे फैक्टर इन जीवों को एक दूसरे से अलग बनाते हैं। लेकिन, कई चीजें उन सभी में एक समान हैं। जैसे जीव खाना खाते हैं या पानी पीते हैं और फिर शरीर में से गैर जरूरी चीजों को मल या पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देते हैं। पर क्या आपको मालूम है कि बाकी जीवों की तरह पक्षी पेशाब नहीं करते? जी हां, ये बात काफी हद तक सच है और आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

a-z-animals वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक चिड़िया, स्तनधारियों की तरह यूरिनेट पास नहीं करती। इसकी एक मुख्य वजह है कि उसके अंदर मैमल्स की तरह ब्लैडर नहीं होता जिसमें पेशाब स्टोर हो जाता है। लेकिन, पक्षी भी शरीर से गैर जरूरी चीजों को यूरिक एसिड, पानी और मल की तरह बाहर निकालते हैं इसका कारन है पक्षी के शरीर की बनावट।

पक्षियों कि बॉडी में नहीं होता ब्लैडर

इंसानों, अन्य स्तनधारियों या फिर ऑस्ट्रिच जैसे पक्षियों से अलग दूसे पक्षियों के पास ना ही ब्लैडर होता है, ना यूरेथ्रा और ना ही यूरेथ्रल ओपनिंग यानी वो हिस्सा जिसके जरिए पेशाब बाहर आती है। उनके शरीर में क्लोआका नाम का एक अंग होता है जो पेशाब, मल त्यागने में मदद करता है साथ ही प्रजनन के लिए भी काम आता है। जब पक्षी पानी पीते हैं तो उनके शरीर में मौजूद किडनी उसे छानती है और 98 फीसदी पानी शरीर में ही एब्सॉर्ब हो जाता है। इसके बाद गंदी क्लोआका में चली जाती है और वहीं से निकल जाती है। ब्लैडर ना होने के कारण इंसानों की तरह ये पेशाब जमा नहीं हो पाती और तुंरत निकल जाती है।

इनका मल क्यों होता है सफेद?

चिड़िया की पेशाब के साथ मल भी निकलता है जो नाइट्ररोजन से बना होता है। पानी के साथ मिलने पर ये अमनोनिया बन जाता है जो तुरंत शरीर से निकलना जरूर होता है। उनके शरीर का नाइट्रोजन वेस्ट यूरिक एसिड की तरह निकलता है और इस वजह से इसका रंग सफेद होता है। अगर आपने अपनी कार पर गिरे पक्षियों के मल को देखा होगा तो वो पूरी तरह मल नहीं होता, टेक्निकली उसमें पेशाब, यूरिक एसिड पेटैशियम और फॉसफेट मिला रहता है। ब्लैडर नहीं होने की वजह से चिड़िया बार-बार शरीर से गंदगी को बाहर निकालती है। इस वजह से पेड़ के नीचे खड़ी गाड़ियों पर कई बार बहुत मल देखने को मिलता है।