बेंगलुरु के आरव लाड की उम्र पर मत जाइए, क्योंकि वह सिर्फ़ नौ साल का है, लेकिन संगीत के अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उसकी उपस्थिति ने दुनिया को अपनी ओर खींचा है। विश्व प्रतियोगिता के पांचवें अंतर्राष्ट्रीय संगीत में प्रतिस्पर्धा करते हुए आरव ने 9 से 11 आयु वर्ग में पियानो एकल श्रेणी में दूसरा स्थान हासिल किया।
आरव न केवल जीतने वाले सबसे कम उम्र के प्रतिभागियों में से एक था, बल्कि इस आयु वर्ग में एकमात्र भारतीय भी था। रूस, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और चीन सहित 24 देशों से 120 प्रतियोगितायें हुईं, जो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए यहां एकत्र हुए थे।
उसकी प्रतिभा के बारे में बात करते हुए आरव के माता-पिता अंकिता और कपिल लाड ने कहा कि वह जीवन के शुरुआती दौर में ही पियानो बजाना शुरू कर दिया था। जिस सहजता से उसने वाद्य यंत्र बजाया उसे देखते हुए यक़ीन नहीं होता था कि तब उसकी उम्र महज़ चार साल की थी। उस समय उसके पास उसे 32-कुंजी वाला मिनी पियानो था। पांच साल की उम्र से अपना औपचारिक प्रशिक्षण शुरू करते हुए आरव पूरे दिल से पियानो के प्रति समर्पित हो गया।
उसने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर दिया और कई जटिल पियानो पीस को बड़ी कुशलता से बजानाने लगा।
आरव अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में इतना अच्छा प्रदर्शन करके रोमांचित दिख रहा है। उसने बताया कि उनके पसंदीदा संगीतकारों में लिस्केट, मोजार्ट, चोपिन और बीथोवेन शामिल हैं और इन किंवदंती बन चुके कलाकारों से प्रेरित होकर वह एक दिन अपने ख़ुद के पीस बनाने और उसे बजाने की उम्मीद करता है। इतना ही नहीं एक पियानोवादक बनने के अलावा एक गणितज्ञ भी बनना चाहता है। जिज्ञासा से भरे इस छात्र के पसंदीदा विषय गणित, भौतिकी और अंतरिक्ष हैं और इसने कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में भी भाग लिया है।
इस समय आरव बेलारूसी कॉन्सर्ट पियानोवादक नतालिया कपिलोवा और ल्यूडमिला ड्राज़निक के यहां प्रशिक्षण ले रहा है।