क्या ऐप्पल इंक के शीर्ष बॉस टिम कुक की भारत यात्रा देश में अपने प्रोडक्ट का विस्तार के संचालन को देखने हुए अधिक से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियां होंगी ? कुक ने पिछले महीने अपनी भारत यात्रा के दौरान दो रिटेल स्टोर लॉन्च किए थे- एक मुंबई में और एक नई दिल्ली में। कुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाक़ात की और भारत में और निवेश करने की इच्छा जतायी।
ऐसे ही नहीं कुछ दिन पहले हुई कंपनी की अर्निंग कॉल में उन्होंने 20 बार भारत का ज़िक़्र किया था।
उद्योगपतियों की राय थी कि भारत पर कुक का दृष्टिकोण एक “बड़ा विज्ञापन” है और यह कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को या तो भारत में प्रवेश करने या अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, क्योंकि भारत की दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा,”भारत एक अविश्वसनीय रूप से रोमांचक बाज़ार है। यह हमारे लिए एक प्रमुख फ़ोकस है।” यह देश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच मोदी और उनकी टीम आक्रामक रूप से भारत को अगले निवेश गंतव्य केंद्र के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत में जर्मन राजदूत फ़िलिप एकरमैन ने हाल ही में मिंट को बताया था कि सीमेंस और डॉयचे बान जैसी कंपनियां यहां सेमी-हाई स्पीड रेल ट्रैक बनाने में रुचि रखती हैं। उन्होंने कहा था, “भारत में बढ़ती रुचि बहुत साफ़ दिखती है।”
इसी तरह, जापान विदेश व्यापार संगठन (JETRO) द्वारा तैयार की गयी एक रिपोर्ट से पता चला है कि 72 प्रतिशत से अधिक जापानी कंपनियां भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने की इच्छुक हैं। चीन के लिए यह संख्या केवल 33.4 प्रतिशत है।
ताकाशी सुजुकी, मुख्य महानिदेशक (दक्षिण एशिया) ने इंडिया नैरेटिव को पहले ही बताया था, “जापानी कंपनियां पैनासोनिक, तोशिबा, हिताची भी अपने आरएंडडी (अनुसंधान और विकास) को विकसित करने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश कर रही हैं। वैश्विक बाज़ारों के लिए मेक इन इंडिया का विचार नायाब है।”
कंपनियां डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा, हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों और खुदरा सहित अन्य क्षेत्रों में भी भारत की इस क्षमता का दोहन करने की इच्छुक हैं।
अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर इंडिया नैरेटिव को बताया, “ध्यान अब भारत पर है। विकास और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक आंतरिक आह्वान में ज़ोर भारतीय बाजार पर था। हालांकि चीन की अर्थव्यवस्था खुल गयी है, लेकिन चीन के प्रति उत्साह कम होता दिख रहा है।”
सीईओ ने कहा कि पीएम गति शक्ति के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर भारत का ज़ोर- लॉजिस्टिक्स चुनौतियों को कम करने के उद्देश्य से एक मेगा मल्टी मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी निवेश को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री गति शक्ति की प्रगति पर नज़र रखी जा रही है, क्योंकि कनेक्टिविटी निवेश आकर्षित करने में बड़ी भूमिका निभायेगी।”
इस बीच S&P द्वारा अप्रैल में जारी भारत का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स 56.4 से बढ़कर 57.2 हो गया। पीएमआई को एक महत्वपूर्ण डेटा बिंदु माना जाता है, जो कि विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र के संबंध में आर्थिक गतिविधियों के मौजूदा रुझानों को इंगित करता है, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम गतिविधियों पर नज़र रखता है।