अर्थव्यवस्था

GB Pant University: अजीत डोभाल बोले तो ऐसा बोले कि बड़े-बड़ों की बोलती बंद

भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने कहा है कि खाद्यान सुरक्षा से आर्थिक सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा से. एनर्जी सुरक्षा और तकनीकि सुरक्षा है। इन सब से सैन्य सुरक्षा है। इस अर्थ यह है कि अगर भारत खाद्यान्न सुरक्षा में मजबूत है तो हर तरह मजबूत होगा। भारत उन देशों को खाद्यान्न दे सकता है जहां अन्न उत्पादन तो नहीं होता लेकिन ऊर्जा के बड़े स्रोत हैं। जीबी पंत कृषि और तकनीकि विश्वविद्यालय में अजीत डोभाल आज एनएसए से ज्यादा भारत के नीति नियामक दूर दृष्टा और प्रखर प्रवक्ता दिखाई दे रहे थेे।

बहरहाल, पंत यूनिवर्सिटी में अजीत डोभाल ने कहा कि आज देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है। यह देश के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा है। अगले दस वर्षों में भारत विश्व का सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक बन जाएगा। अजित डोभाल गुरुवार को गोविंद वल्लभ पंत कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय (GB Pant University of Agriculture & Technology) के 34वें दीक्षांत समारोह (Convocation Ceremony) में बोल रहे थे। इस मौके पर उनको डीलिट की मानद उपाधि भी दी गई।

अजीत डोभाल ने कहा कि देश के विभाजन के समय 22 मिलियन खेती योग्य भूमि पाकिस्तान के हिस्से में चली गई। तब कई लोगों ने कहा कि अब भारत अपने 35 करोड़ की आबादी को भोजन नहीं उपलब्ध करा पाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के समय देश में कुल 50 मिलियन टन खाद्यान्न का ही उत्पादन होता था, लेकिन आज की तारीख में यह बढ़कर 340 मिलियन टन हो गया है। गोविंद वल्लभ पंत विश्वविद्यालय और यहां के वैज्ञानिकों की वजह से देश खाद्यान्न में सिर्फ आत्मनिर्भर ही नहीं हुआ, बल्कि दूसरे देशों को उपलब्ध भी करा रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

अजीत डोभाल ने कहा कि भारत की अपेक्षा चीन का क्षेत्रफल काफी ज्यादा है, लेकिन वहां के केवल 15 फीसदी हिस्से में खेती होती है। हमें अपना उत्पादन और बढ़ाना होगा। उन्होंने अगले दस वर्षों में देश को खाद्यान्न उत्पादन में विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने का आह्वान किया। हालांकि वैज्ञानिकों ने हमें आत्मनिर्भर बना दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों का आह्वान किया कि आप इसमें और शोध करिए और उत्पादन बढ़ाने के तरीकों की खोज कीजिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप भी देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों की तरह ही योद्धा हैं। सीमाओं पर खड़े सैनिक देश की सुरक्षा कर रहे हैं और आप खाद्यान्न उत्पादन में शोध करके लोगों का पेट भर रहे हैं। आपकी चुनौती कम नहीं है। हमारा देश जितना अधिक खाद्यान्न उत्पादन करेगा, हम उतना ही दुनिया को निर्यात कर पाएंगे।े

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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