जीवीके समूह के वाइस चेयरमैन जी.वी. संजय रेड्डी ने को कहा कि अडानी समूह या किसी और की ओर से मुंबई हवाईअड्डे को बेचने का बिल्कुल भी दबाव नहीं था। उनका यह बयान संसद में राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद आया है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने जीवीके पर दबाव डाला था और इस समूह से मुंबई हवाईअड्डे को अपहृत कर इसे अडानी समूह को सौंप दिया था।
रेड्डी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी सरकारी एजेंसियों के किसी भी दबाव से भी इनकार किया।
जुलाई 2021 में अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड ने जीवीके से मुंबई हवाईअड्डे का अधिग्रहण किया था।
रेड्डी ने एक समाचार चैनल से कहा, “मैं इस लेन-देन की पृष्ठभूमि की व्याख्या करता हूं। आप जानते हैं, शायद उस (बिक्री) से एक साल पहले, हम धन उगाहने पर विचार कर रहे थे, क्योंकि अपनी हवाईअड्डे की होल्डिंग कंपनी पर हमने लगभग 10 साल पहले कर्ज उठाया था, जब हमने बेंगलुरु हवाईअड्डे का अधिग्रहण किया था और वह कर्ज बकाया हो रहा था। इसलिए हम निवेशकों से बात कर रहे थे और हमने तीन निवेशकों के साथ करार किया था।”