Hindi News

indianarrative

क्या चीनी टाइकून जैक मा नेपाल और पाकिस्तान में निवेश करना चाहते हैं ?

पाकिस्तान और नेपाल दौरे पर जैक मा

चीनी अरबपति जैक मा के पाकिस्तान में ठहरने से हड़कंप मच गया है। काठमांडू की संक्षिप्त यात्रा पूरी करने के बाद मां लाहौर पहुंचे। मा के साथ चीन, डेनमार्क और अमेरिका के व्यापारियों की सात सदस्यीय टीम भी थी। इंडिया नैरेटिव ने जिन दो लोगों से बात की, उन्होंने कहा कि मा चीन के बाहर कुछ “व्यावसायिक अवसर” तलाश रहे होंगे।

सूत्रों ने कहा कि नेपाल और पाकिस्तान की यात्रा को महज़ छुट्टी नहीं माना जा सकता। ऐसी संभावना है कि वह इन देशों में “किसी प्रकार का” व्यवसाय स्थापित करने या फिर संयुक्त उद्यम शुरू करने पर विचार कर रहे हों। आजादी के बाद से अपने सबसे ख़राब आर्थिक संकटों से एक से जूझ रहा पाकिस्तान निवेश को बढ़ावा देने के लिए बेताब है।

हालांकि, मा ने पाकिस्तान में सरकारी अधिकारियों या मीडियाकर्मियों से मिलने से परहेज़ किया, लेकिन निवेश बोर्ड (बीओआई) के पूर्व अध्यक्ष मुहम्मद अज़फ़र अहसान ने कहा कि यह एक निजी यात्रा थी। इसके अलावा, सूत्रों ने कहा कि अलीबाबा के संस्थापक मा नक़दी संकट से जूझ रहे इस देश में अपनी परोपकारी गतिविधियों को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि मा और उनके सहयोगी हांगकांग के व्यावसायिक विमानन क्षेत्र से एक चार्टर्ड उड़ान से नेपाल से पाकिस्तान पहुंचे।

फ़रवरी में मा को अपनी एंट ग्रुप कंपनी, फ़िनटेक कंपनी के नियंत्रण अधिकार सौंपने के बाद ऑस्ट्रेलिया में देखा गया था।

2020 के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक विवाद के बाद मा बहुत ही निम्न प्रोफ़ाइल बनाये रखते हुए सुर्ख़ियों से बाहर रहे हैं।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि मा ने 2022 के अंत से ग्लोबट्रोटिंग फिर से शुरू कर दी है। थाईलैंड जाने से पहले उन्होंने टोक्यो और जापानी ग्रामीण इलाक़ों में समय बिताया था। उन्हें हांगकांग में भी देखा गया था।

पूर्व अंग्रेज़ी शिक्षक मा ने 1999 में ई-कॉमर्स व्यवसाय अलीबाबा की तब स्थापना की थी, जब चीन में बहुत कम इंटरनेट यूज़र्स थे। बाद में उन्होंने एंट ग्रुप का हिस्सा, ऑनलाइन भुगतान सेवा Alipay लॉन्च की। दोनों कंपनियां अपने उद्योगों में सबसे बड़ी बन गयी।

कुछ साल पहले अलीबाबा के एक कार्यक्रम का हिस्सा रहे एक विश्लेषक ने इंडिया नैरेटिव को बताया, “तब वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गये थे। जब वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखायी देते थे, तो लोग पागल हो जाया करते थे, यह कुछ ऐसा है ,जो चीन में बहुत आम नहीं है।”

अपने सुनहरे दिनों के दौरान मा अपनी राय को लेकर मुखर हुआ करते थे। वह नियामक प्रक्रिया के भी कड़े आलोचक थे। अलीबाबा के संस्थापक अन्य चीनी उद्यमियों के विपरीत नियमित रूप से सार्वजनिक कार्यक्रमों और टेलीविज़न शो में दिखायी देते थे।