केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा है कि सहयोग और निवेश के भरपूर अवसर प्रदान करने के लिए भारत एक मज़बूत और अधिक गतिशील देश के निर्माण के लिए अपने सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
आईएमएफ़ और विश्व बैंक की स्प्रिंग मीटिंग्स के मौक़े पर वाशिंगटन डीसी में उद्योग निकाय फिक्की और यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फ़ोरम द्वारा आयोजित “इन्वेस्टिंग इन इंडिया डिकेड ” पर एक गोलमेज बैठक में भाग लेते हुए सीतारमण ने मंगलवार को एक वैश्विक स्वीकृति की वास्तविकता को रेखांकित किया। एक “न्यू इंडिया ” और नयी भूमिका को लेकर भारत एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के अलावा वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में भूमिक निभाने के लिए तैयार है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जिस गति से दुनिया भर के लोग प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण साधनों को अपना रहे हैं,उसकी दोगुनी गति से इसे भारत अपना रहा है, जिससे प्रभावी रूप से यहां का जीवन कहीं अधिक आसान हो गया है।
वित्तमंत्री ने गोलमेज प्रतिभागियों को यह भी बताया कि डिजिटलीकरण अभियान में स्थानीय भाषायें शामिल हैं, क्योंकि अधिकांश संवैधानिक भाषाओं की अब भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे वाले मंच तक पहुंच है,और यह पहुंच बढ़ रही है, इससे प्रभाव पैदा हो रहा है और संभावनायें और भी बढ़ रही हैं।
सीतारमण ने आगे बल देकर कहा कि दुनिया भर में रीसेट की वास्तविकता और कोरोनावायरस महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत में सुधार की गति अबाध रूप से बनी हुई है।
उन्होंने केंद्र द्वारा केंद्रीय बजट 2023-24 के माध्यम से निर्धारित किये गये कई संरचनात्मक और शासनात्मक सुधारों के बारे में भी विस्तार से बताया।