अर्थव्यवस्था

संकट से घिरा Pakistan: कर्ज़ चुकाने का आश्वासन,मगर हक़ीक़त की कुछ और

पाकिस्तान के लिए क़रीब 3.7 अरब डॉलर का भारी भरकम क़र्ज़ चुकाने की समय सीमा का समय समाप्त हो रहा है। देश के वित्त मंत्री इशाक़ डार ने इसी महीने और अगले महीने तक इस क़र्ज़ चुकाने का आश्वासन दिया है।

मगर,लाख टके का सवाल यह है कि इन पैसों को चुकाने के लिए पाकिस्तान को पैसा कहां से मिलेगा ?

डिफ़ॉल्ट को टालने के लिए पाकिस्तान को चीन सहित मित्र देशों से द्विपक्षीय धन प्राप्त करना होगा। अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान पर नज़र रखने वाले एक विश्लेषक ने इंडिया नैरेटिव को बताया, “देश के वित्तमंत्री मित्र देशों से सहायता की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि वह पुनर्भुगतान के बारे में आश्वस्त लग रहे हैं।”

इसके अलावा, पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के सौदे पर मुहर लगाने की भी उम्मीद कर रहा है। विश्लेषक ने कहा, “अगर ऐसा होता है, तो पाकिस्तान कुछ समय के लिए इस ख़तरे से बाहर हो जायेगा।”

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान आईएमएफ़ से वित्तीय सहायता पैकेज प्राप्त करने में विफल रहता है, तो वह डिफॉल्ट कर सकता है। जबकि बातचीत चल रही है, दोनों किसी भी समझौते पर आने में कामयाब नहीं हुए हैं।

इस बीच स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार साप्ताहिक आधार पर 1.7 प्रतिशत गिरकर 5 मई को 4.38 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

सीधे शब्दों में कहें तो, अगर अगले कुछ दिनों में मौजूदा स्थिति में नाटकीय बदलाव नहीं आया, तो इस्लामाबाद अपना क़र्ज़ चुकाने की स्थिति में नहीं होगा।

हालांकि, जानकारों का कहना था कि पाकिस्तान को डिफ़ॉल्ट करने देना चीन के हित में नहीं होगा। दक्षिण एशियाई देश में विशेष रूप से अपने रणनीतिक स्थान के कारण चीन का का अपना दांव लगा हुआ है।

मार्च में 2 बिलियन डॉलर के ऋण रोलओवर के बाद इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ़ चाइना लिमिटेड ने पिछले सप्ताह 1.3 बिलियन डॉलर की एक और सहायता को मंज़ूरी दी। इसके बावजूद मित्र देशों से द्विपक्षीय ऋण अब भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच कम होते जा रहे हैं। इससे इस्लामाबाद की चिंता बढ़ गयी है।

पाकिस्तान-डिफ़ॉल्ट के मामले में श्रीलंका के बाद दिवालिया होने वाला दूसरा दक्षिण एशियाई देश होगा।

संयोग से श्रीलंका भी तब तक डिफॉल्ट की ख़बरों का खंडन करता रहा था, जब तक कि उसने आधिकारिक तौर पर दिवालिएपन की घोषणा नहीं कर दी।

जबकि इस्लामाबाद ने आधिकारिक तौर पर चूक नहीं की है, स्थानीय समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने जनवरी में कहा था कि ऋणों के निरंतर रोलओवर के साथ देश पहले ही तकनीकी रूप से ऐसा हो चुका है।

इस बीच देश को 2025 तक 73 बिलियन डॉलर का पुनर्भुगतान करना है। ज़ाहिर है, देश के लिए चुनौतियां कई गुना बढ़ रही हैं और अल्पावधि में पुनर्भुगतान का प्रबंधन करने पर भी इसकी वित्तीय आवश्यकता कम नहीं होगी। और मौजूदा राजनीतिक संकट आगे बढ़ने को कठिन बना देगा। मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस कृत्य को ग़ैर-क़ानूनी क़रार दिया था। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट आने वाले दिनों में और गहराने की आशंका है।

Upendra Chaudhary

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago