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31 जुलाई तक भरें Income Tax, नहीं तो लगेगा जुर्माना, जाने कैसे करें जुर्माना से बचे

31जुलाई तक भरे Income Tax

अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि सभी लोगों के पास 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का मौका है। अगर आप लोगों ने 1 अगस्त या उसके बाद रिटर्न फाइल किया तो आपको लेट फीस देना पड़ेगा साथ ही कई अन्य तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं। क्योंकि जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीक आ जाती है। तो ज्यादातर लोग फाइल करने लगते है, जिससे वेबसाइट पर काफी फर्क पड़ता है, औऱ वेबसाइट धीमे चलने लगती है। तब लोगों के सामने बड़ी समस्या आ जाती है।

ITR फाइल नहीं करने पर लगेगा जुर्माना

असेसमेंट ईयर 2023 के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 तक है। अगर आप फाइनेंशियल 2021-22 के लिए अपना इनकम रिटर्न फाइल करने की तारीख से चूक जाते हैं, तो आपको पेनल्‍टी, ब्‍याज और जेल तक भी जाना पड़ सकता है। क्योकि 31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करने पर आपको पांच हजार रुपये तक की लेट फीस देने पड़ेगा। यह सेक्‍शन 234A, 234B और 234C के अंतर्गत ब्याज है। इसके साथ ही आप लॉस को कैरी फॉर्वर्ड नहीं कर पाएंगे, इसमें हाउस प्रॉपर्टी को बेचने से होने वाले नुकसान को अलग रखा गया है। हाउस प्रॉपर्टी बेचने पर अगर नुकसान होता है तो इसका फायदा किसी भी स्थिति में उठाया जा सकता है। बिजनेस ऑपरेशन से अगर किसी तरह का नुकसान हो रहा है तो उसे कैरी फॉरवर्ड करने के लिए जरूरी है कि 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल किया गया हो। अगर किसी शेयर या कैपिटल असेट को बेचने पर नुकसान हुआ है और उसका फायदा उठाना चाहते हैं तो जरूरी है कि 31 जुलाई तक इनकम टैक्स भर दिया गया हो।

इनकम की डिटेल न दे पाने पर जेल

सेक्‍शन 274CC के मुताबिक, अगर आप ने निर्धारिती अपना इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं करता है, तो उसे जेल भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मामले में जहां बकाया टैक्‍स 25 लाख रुपये से ज्यादा है, तो टैक्‍सपेयर को कम से कम 6 महीने का सख्त कारावास हो सकता है। जिसे पेनल्‍टी के साथ 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है। किसी भी अन्य मामले में, टैक्‍सपेयर को कम से कम तीन महीने की जेल हो सकता है, जिसे जुर्माने के साथ दो साल तक बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि, यह प्रावधान उस समय लागू नहीं होंगे ज‍ब निर्धारिती संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति से पहले डीटेल देता है या नेट पेयबल टैक्स (डिफ़ॉल्ट की राशि) 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं है। हालांकि, कंपनियों के मामले में, डिफॉल्‍ट की रकम लागू नहीं होती है। उन्‍हें डिफॉल्‍ट मामले में सजा हो सकती है।