सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सरकार मूल वेतन पर डीए की गणना करती है। 10 मार्च को 5 राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद आदर्श आचार संहिता भी हट जाएगी। इसके बाद सरकार डीए पर फैसला ले सकती है। 3% की वृद्धि से कर्मचारियों का वेतन अधिकतम 20,000 रुपये और न्यूनतम 6480 रुपये तक बढ़ जाएगा। AICPI (औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) का डेटा कहता है कि दिसंबर 2021 तक महंगाई भत्ता 34.04% तक पहुंच गया है।
अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह है तो 34% पर नया डीए 6120 रुपये प्रति माह होगा। फिलहाल डीए 31 फीसदी होने पर 5580 रुपये मिल रहा है। चलिए आपको बताते हैं कि सरकार ने डीए कब से शुरू किया? महंगाई भत्ता या डीए सरकारी कर्मचारियों को उनके भोजन और जीवन स्तर में सुधार के लिए दिया जाता है। हर साल जनवरी और जुलाई में सरकार की ओर से महंगाई भत्ते में बदलाव किया जाता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता ) पहली बार भारत में 1972 में मुंबई में पेश किया गया था।
इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना शुरू किया। पिछले साल 2021 जुलाई और अक्टूबर में केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए दो बार बढ़ाया गया था। जुलाई 2021 में केंद्र सरकार ने भी कर्मचारियों के लिए महंगाई राहत को 17 से बढ़ाकर 28% कर दिया।