केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है। 8 महीने से बकाए कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को लेकर मोदी सरकार जल्द फैसला कर सकती है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इसको लेकर चर्चा हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में इजाफा हो सकता है। कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये की जगह 26 हजार रुपये हो सकती है। दरअसल, नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (जेसीएम) की मांग है कि सातवें वेतनमान के तहत 18 महीने से पेंडिंग डीए एरियर का भी वन टाइम सेटलमेंट कर दिया जाए।
माना जा रहा है कि महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो सकता है। इसके अतिरिक्त बजट 2022 में भी फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इस पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर इसे बजट के खर्च में शामिल कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर का ही इस्तेमाल होता है। अगर मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी बढ़कर 26,000 हो सकता है। अगर बजट से पहले कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है तो हो सकता है कि बजट से पहले यह लागू भी कर दिया जाए।
केंद्र और राज्य कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि उनके फिटमेंट फैक्टर को 2।57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3।68 प्रतिशत कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को लेकर सरकार विचार कर सकती है। केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंटकेंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है। 8 महीने से बकाए कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को लेकर मोदी सरकार जल्द फैसला कर सकती है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इसको लेकर चर्चा हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में इजाफा हो सकता है।