केंद्रीय कर्मचारी को मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत बढ़ोतरी करने की दर को रिवाइज करने से साफ मना कर दिया है। आपको बता दें कि कर्मचारियों को डीए बढ़ने की उम्मीद थी। केन्द्रीय कर्मचारियों को 31 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाता है। अगर होली से पहले इसे 3 फीसदी बढ़ाया जाता तो कुल महंगाई भत्ता 34 फीसदी हो जाता। सरकार के इस फैसले से 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और 65 लाख से अधिक पेंशनर्स को फायदा होता।
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सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर ही केंद्र सरकार डीए में बढ़ोतरी करती है। देशभर के लाखों कर्मचारी डीए बढ़ने के इंतजार में थे, लेकिन उन्हें फिर से निराशा हाथ लगी है। राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि डीए में 3 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की कोई जरूरत नहीं है। डीए की बढ़ोतरी के लिए काफी से समय से कर्मचारियों को इंतजार था, लेकिन सरकार से उन्हें निराशा मिली है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में DA और DR राहत में बढ़ोतरी पर कहा कि केंद्र सरकार लेबर मंत्रालय द्वारा जारी अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार महंगाई दर के आधार पर डीए और डीआर में बढ़ोतरी की जाएगी।
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सरकार ने संसद को ये भी बताया कि पिछली 2 तिमाहियों में महंगाई दर 5 फीसदी से अधिक रही है। राज्यसभा सांसद नारण भाई जे राठवा मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री से प्रश्न पूछा था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी 3% पर ही स्थिर क्यूं रखा गया है जबकि महंगाई दर की दर ज्यादा है। हालांकि, इसके जवाब में पकंज चौधरी ने कहा कि सरकार की डीए में 3 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी की योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत वृद्धि की दर को संशोधित करने की जरूरत नहीं है।