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केरला स्टोरी पर लाल-पीली हुईं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विवेक अग्निहोत्री को एक और नये वेंचर के ऐलान का मौक़ा दे दिया

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फ़ोटो: ANI)

ऐसा लगता है कि फ़िल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान बंगाल के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक,यानी डायरेक्ट एक्शन डे पर हुई हिंसा पर फ़िल्म बनाने की तरफ़ खींच लिया है।

सोमवार को फ़िल्म, द केरला स्टोरी पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फ़िल्म बनाने के लिए बंगाल जाने के लिए अग्निहोत्री की स्पष्ट रूप से आलोचना की। उन्होंने कहा: “चूंकि कुछ दिनों पहले, भाजपा द्वारा नामित, भाजपा द्वारा वित्तपोषित, और पार्टी द्वारा नामित कुछ सितारे बंगाल भी आये थे।उनके पास कुछ विकृत कहानियां हैं और उन्हीं विकृत कहानियों के साथ वे एक फ़िल्म बंगाल फ़ाइल्स तैयार कर रहे हैं।”

उन्होंने अग्निहोत्री का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग कश्मीर और केरल के लोगों को बदनाम कर सकते हैं, वे अब बंगाल को भी बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके शब्द कुछ इस तरह थे: “अगर वे कश्मीरी लोगों की निंदा करने के लिए कश्मीर फ़ाइलें तैयार कर सकते हैं, तो इसमें लोगों की क्या ग़लती है। हम प्रत्येक का सम्मान करते हैं। वही हमारा संविधान करता है। लेकिन,वे तो केरल को भी बदनाम करते हैं, केरल वालों को, केरल राज्य को भी बदनाम करते हैं। रोज़ बदनाम कर रहे हैं…बंगाल को भी बदनाम करने के लिए…”

अग्निहोत्री ने बिना देर किये जवाब दिया । उन्होंने अपने नए वेंचर की घोषणा की और यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी: “इस वीडियो में मुझे लगता है, @MamataOfficial दीदी मेरे बारे में बात कर रही हैं। हां, मैं ख़िलाफ़त द्वारा भड़काये गये डायरेक्ट एक्शन डे नरसंहार के बचे लोगों का साक्षात्कार करने के लिए बंगाल आया था। और गोपाल पाठ की भूमिका। आप क्यों डरी हुई हैं ?”

यह स्वीकार करते हुए कि वह वास्तव में बंगाल और 1946 में बंगाल को हिला देने वाली चार दिवसीय सांप्रदायिक हिंसा पर एक फ़िल्म बना रहे हैं, अग्निहोत्री ने कहा: “द कश्मीर फ़ाइल्स नरसंहार और आतंकवाद के बारे में थी। आपको क्या लगता है कि यह कश्मीरी लोगों को बदनाम करने के लिए किस आधार पर किया गया था ? आप किस आधार पर इतनी दुर्भावना से कहते हैं कि इसे एक राजनीतिक दल द्वारा वित्तपोषित किया गया है ? मैं आपके ख़िलाफ़ मानहानि का मामला और नरसंहार खंडन का मामला क्यों न दर्ज करूं?

उन्होंने कहा कि बंगाल पर बनी उनकी फ़िल्म का नाम “द डेल्ही फ़ाइल्स है, न कि बंगाल फ़ाइल्स” है।

कलकत्ता में 1946 में चली चार दिनों तक चली डायरेक्ट एक्शन डे की हिंसा मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने और कांग्रेस पार्टी को एक समझौते पर सहमत होने के लिए मजबूर करने के आह्वान का परिणाम थी। धर्म के आधार पर भारत का विभाजन। बंगाल के मुख्यमंत्री हुसैन सुहरावर्दी के आदेशों के तहत, मुसलमानों द्वारा भीषण हिंसा के रूप में ब्रिटिश पुलिस को बड़े पैमाने पर हिंसा में हस्तक्षेप करने से रोक दिया गया था, जिसने देश को हिलाकर रख दिया था।

2021 में रिलीज़ हुई अग्निहोत्री की फ़िल्म, द कश्मीर फ़ाइल्स ने एक वैश्विक चर्चा और एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था। इसमें कश्मीरी हिंदुओं की वास्तविक कहानियों को दिखाया गया था, जिन्हें एक सांप्रदायिक उन्माद में उनकी पैतृक मातृभूमि से बाहर कर दिया गया था। 1990 में हिंदुओं की जातीय सफ़ाई को दशकों तक छुपाया गया था, जब तक कि अग्निहोत्री की फ़िल्म ने हिंदुओं की गहरी परेशान करने वाली और व्यक्तिगत कहानियों में जान नहीं फूंक दी थी, जिन्होंने अकल्पनीय हिंसा का सामना किया था, उन्हें धर्मांतरण के लिए कहा गया था और उन्हें कश्मीर से भागने के लिए मजबूर किया गया था।

सुदीप्तो सेन की केरल स्टोरी में केरल की हिंदू लड़कियों के इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस में शामिल होने की कहानियों पर प्रकाश डाला गया है। इस फ़िल्म के शुरुआती ट्रेलर ने एक विवाद पैदा कर दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि केरल की 32,000 लड़कियों ने धर्मांतरण किया था और आतंकवादी समूह के लिए लड़ने के लिए देश छोड़ दिया था। बढ़ते विवाद के साथ फ़िल्म निर्माता ने यह कहने के लिए ट्रेलर को संशोधित कर दिया कि केरल की कहानी केरल की तीन लड़कियों की कहानी बताती है।

द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाकर और अग्निहोत्री की आलोचना करके बंगाल के मुख्यमंत्री के मैदान में कूदने के साथ, द कश्मीर फ़ाइल्स के निदेशक को हिंसक और पेचीदा डायरेक्ट एक्शन डे पर अपने भविष्य के वेंचर की घोषणा करने का एक उपयुक्त मौक़ा मिल गया।