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सावधान! फोन का ज्यादा इस्तेमाल आपके बच्चों को बना सकता है इस बीमारी का शिकार

फोन का इस्तेमाल बच्चों को बना रहा ऑटिज्म का शिकार

Autism Disease: ये ऐसा दौर है जहां बच्चे 10 मिनट भी बच्चे बिना स्मार्टफोन के नहीं रह पाते हैं। ऐसे में वे घंटों इसका यूज करते है। अब बच्चों का खेलकूद की तरफ रुझान कम होता जा रहा है। टाइमपास के लिए वो फोन का इस्तेमाल करते हैं। घंटों तक उसमें गेम खेलने या अन्य किसी गतिविधि में लगे रहते हैं, लेकिन अब इसका असर बच्चों की हेल्थ पर हो रहा है। स्मार्टफोन के इस्तेमाल की वजह से उनकी सेहत बिगड़ रही है। यहां तक की बच्चे ऑटिज्म जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, फोन का ज्यादा यूज करने से बच्चों के मानसिक विकास पर असर पड़ रहा है। इसको वर्चुअल ऑटिज्म कहा जाता है। ये परेशानी पांच से आठ साल तक के बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। वर्चुअल ऑटिज्म के कारण बच्चों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो रही है। वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 24% फीसदी बच्चे रात को सोने से पहले स्मार्टफोन का यूज करते हैं। इस वजह से करीब 40 फीसदी बच्चे किसी काम में फोकस करने की परेशानी से जूझ रहे हैं।

वर्चुअल ऑटिज्म क्या होता है?

इस बीमारी के तहत बच्चा अगर वर्चुअल ऑटिज्म से पीड़ित है, तो वह बोलते समय हकलाने लगता है। इन बच्चों में आईक्यू लेवल भी कम होता है. वह किसी से बात करने में भी घबराते हैं। किसी काम का सही से रिसपॉन्स नहीं करते हैं और एक ही काम को बार-बार दोहराते है। फिलहाल ऑटिज्म के जो केस आ रहे हैं, उनमें 5 से 10 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जो स्मार्टफोन का अधिक यूज करते हैं। ये एक संकेत है कि फोन का ज्यादा इस्तेमाल बच्चों में वर्चुअल ऑटिज्म का कारण बन रहा है।

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कुछ बच्चों को फोन देखकर ही भोजन करने की आदत होती है। ये भी काफी हानिकारक है। बच्चे फोन के देखने के चक्कर में सही से भोजन भी नहीं कर पाते हैं। फोन के ज्यादा यूज की वजह से उनको अपनी पढ़ाई करने में भी परेशानी आ रही है। यहां तक कि कुछ बच्चों में 2 से तीन साल की उम्र में भी फोन देखने का क्रेज देखा जा रहा है। ये उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में माता-पिता को अलर्ट रहने की जरूरत है।

माता पिता इन बातों का रखें ध्यान

-बच्चों में फोन के यूज का समय कम करें

-बच्चों को समय दें और खेलकूद के लिए उनको प्रोत्साहित करें

-बच्चों को फोन के नुकसान के बारे में बताएं

-बच्चों से रोजाना किसी विषय पर बात जरूर करें