Hindi News

indianarrative

दिल्ली-NCR में अब इस रहस्यमयी बुखार के मामले तेजी बढ़े, ऐसे लक्षण दिखे तो न समझे नॉर्मल फीवर

Scrub Typhus Symptoms

Health Care: दिल्ली-एनसीआर में डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर के बाद अब एक और तरह का फीवर लोगों को काफी ज्यादा परेशान कर रहा है। इस बुखार को मेडिकली टर्म में स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) कहा जाता है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में तो स्क्रब टाइफस से अब तक 13 लोग बीमार हो गए हैं। हालांकि, स्क्रब टाइफस से अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है। डॉक्टरों की मानें तो यह फीवर अगर लंबे समय तक बना रहे तो मरीज का मल्टीऑर्गन फेलियर हो सकता है और मरीज की जान जाने का भी खतरा रहता है। ऐसे में इस बुखार के बारे में जानकारी रखना सभी के लिए जरूरी है।

जानकारी के लिए बता दें, स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसका लक्षण डेंगू की तरह ही होता है। लेकिन, यह एक खास प्रकार के कीड़े के काटने की वजह से होती है। आमतौर पर इस कीड़े को टिक कहते हैं, जो पहाड़ी इलाकों में ही पाए जाते हैं।लेकिन, हाल के वर्षों में यह बीमारी दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में भी हो रहा है। यह बीमारी बच्चों और बुजुर्गों दोनों को शिकार बनाता है। इस कीड़े को काटने से एक खास प्रकार का निशान बन जाता है, जो इसकी सबसे बड़ी पहचान है।

Scrub Typhus के लक्षण

यदि किसी शख्स को घास काटता है तो डॉक्टर से जरूर दिखाए, ताकि डॉक्टर समय से इस बीमारी की पहचान कर उसका इलाज शुरू कर सकें। बरसात के दिनों में स्क्रब टायफस के सबसे ज्यादा मामले आते है। स्क्रब टायफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टायफस बुखार बन जाता है।

ये भी पढ़े: Dengue Fever: डेंगू के मरीजों के लिए संजीवनी है ये डाइट, जल्दी ठीक होने में करती है मदद

बीमारी की पहचान कैसे करें

गाजियाबाद के सीनियर फीजिशियन डॉ अभिषेक कुमार कहते हैं, पिस्सू जैसे कीड़े में ओरेंटया तत्सुत्सुगुमाशी नामक बैक्टीरिया होता है। इसके काटने के बाद संक्रमण फैल जाता है। मरीज के दिल, दिमाग, फेफड़े और लीवर के साथ-साथ शरीर के सभी ऑर्गन्स पर यह प्रभाव डालता है। यदि समय पर इसकी पहचान हो जाए तो मरीज सात से 10 दिन में ठीक हो सकता है। स्क्रब टाइफस में शरीर पर रैसेज के साथ गांठें भी पड़ जाती हैं।मरीज को हाई फीवर और सिर में दर्द रहता है, साथ ही मरीज की भूख कम हो जाती है।

ऐसे रखें अपना ख्याल

बरसात के मौसम में खेत में जमीन पर चलने के दौरान जूते-चप्पल जरूर पहनें। अगर घर में रहते हैं तो नमी न होने दें। बिस्तर और कपड़े साफ रखें। समय-समय दवा का छिड़काव करते रहें। बुखार अगर बार-बार आ रहा है तो अच्छे डॉक्टर को जरूर दिखा लें।